New Delhi – फ्रांस की राजनीति में एकबार फिर भूचाल आ गया है। नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है — और यह कदम विशेष रूप से चौंकाने वाला है क्योंकि उन्होंने यह पद मात्र एक महीने पहले ही संभाला था। राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, और देश में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ती जा रही है।
इस्तीफे का समय और पृष्ठभूमि
लेकोर्नू ने इस्तीफा उस दिन दिया जब उनके मंत्रिमंडल की पहली बैठक प्रस्तावित थी। कहा जा रहा है कि राजनीतिक दलों की ओर से उन्हें खुली चुनौती दी जा रही थी, जिसके चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
फ्रांसीसी राजनीति पहले से ही काफी अस्थिर थी: 2022 में मैक्रों का चुनाव जीतने के बाद किसी एक पार्टी को संसद में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। ऐसे में गठबंधन सरकारें लगातार विवादों और पार्लियामेंटरी ड्रामे की ओर ले जाती रही हैं।
बाजार और जनता की प्रतिक्रिया
लेकोर्नू के इस्तीफे की खबर जैसे ही सार्वजनिक हुई, फ्रांस के शेयर बाजार में गिरावट आयी। निवेशकों में असमय राजनीतिक बदलावों को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
सामान्य जनता और मीडिया ने इस फैसले को राजनीतिक तकरार और अस्थिर शासन की ओर एक संकेत माना है।
राष्ट्रपति और आगे की चुनौतियाँ
राष्ट्रपति मैक्रों ने तुरंत लेकोर्नू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। अब अगला कदम एक ऐसे नेता की खोज है, जिसे राष्ट्रीय विधानसभा का समर्थन मिले और जो राजनीतिक परिदृश्य को स्थिर कर सके।
चुनौती यह है कि अगला प्रधानमंत्री किस तरह के गठबंधन बनायेगा — और क्या वह दीर्घकालिक सरकार बना पाएगा या नहीं।
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