नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मोती नगर स्थित सुदर्शन पार्क Block D में पिछले तीन दिनों से पर्याप्त पानी की सप्लाई नहीं हो रही है, जिससे स्थानीय निवासियों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नलों में पानी की एक बूंद नहीं आ रही और लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है।
तीन दिन से सूखे नल, टंकियों में पड़ी दरार
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से सुबह और शाम दोनों समय पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि आखिर सप्लाई बाधित क्यों है।
रहवासी महिलाएँ बताती हैं की —
“सुबह 5 बजे से हम पाइप लेकर खड़े रहते हैं, पर नल में पानी आता ही नहीं। बच्चे स्कूल जाने से पहले बिना नहाए जा रहे हैं और बर्तन तक नहीं धो पा रहे।”
टैंकरों पर बढ़ी निर्भरता, जेब पर बोझ
जहाँ दिल्ली सरकार पानी मुफ्त देने की बात करती है, वहीं सुदर्शन पार्क के लोग प्राइवेट टैंकरों से पानी खरीदने को मजबूर हैं।
एक टैंकर की कीमत आसमान छू लेती है। नतीजा यह कि मध्यम वर्गीय परिवारों को रोजाना अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।
स्थानीय महिला रिंकु देवी कहती हैं —
“हर दिन इस परेशानी से आम जनता परेशान हैं बाहर से खाना बनाने के लिए पानी लेना पड़ता है जो महँगा आता है अब क्या इस दिन के लिए सरकार को चुना था क्या यही दिन देखना था उन्होंने कहा की सरकारी पाइपलाइन से कुछ नहीं आ रहा, लेकिन बिल फिर भी पूरा आता है।”
वार्ड अधिकारी से जवाब तलब, लेकिन समाधान नहीं
कई निवासियों ने वार्ड पार्षद और जल बोर्ड हेल्पलाइन पर शिकायत की, पर कोई समाधान नहीं निकला।
सूत्रों के मुताबिक, इलाके में पंप में पानी की कमी है कुछ लोगों का कहना है की अधिकारी कहते हैं की जितनी मात्रा की माँग है उससे काफ़ी कम पानी आता है इसलिए यह समस्या है और इस वजह से जल आपूर्ति बाधित है। मगर तीन दिन गुजर जाने के बावजूद भी कोई समाधान नहीं हुआ है।लोगों में इस लापरवाही को लेकर भारी नाराज़गी है। कई परिवारों ने कहा कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
“दिल्ली की राजधानी में पानी के लिए तरसना शर्मनाक”
कई लोगों का कहना है कि –
“सुदर्शन पार्क जैसी घनी आबादी वाले इलाके में तीन दिन तक पानी न आना प्रशासन की नाकामी है। दिल्ली जल बोर्ड को इस संकट की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
स्थिति का विश्लेषण
- प्रशासन की निगरानी और त्वरित मरम्मत टीमों की कमी से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।
- पानी का ये संकट न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि दिल्ली जैसे आधुनिक शहर की व्यवस्था पर बड़ा सवाल भी खड़ा करता है।
तीन दिन से पानी के लिए जूझते सुदर्शन पार्क के निवासियों की आवाज़ अब सरकार और जल बोर्ड तक पहुंचनी चाहिए। यह सिर्फ एक कॉलोनी की नहीं, बल्कि राजधानी के नागरिक अधिकारों की लड़ाई है — “जहाँ पानी, वहाँ ज़िंदगी।”
सरकार को अब दिखावे के बयानों से आगे बढ़कर जमीनी कार्रवाई करनी होगी ताकि हर घर तक पानी पहुँच सके।
