हरियाणा – इस पूरे मामले में कई विवाद सामने आए कई बातें चर्चा का विषय बनी अब इसमें नया मोड़ सामने आया है , आपको बता दें की वाई पूरन कुमार की IPS पत्नी अमनीत पी कुमार और उनके विधायक साले अमित रतन कोटफत्ता समेत कई दलित संगठन पुलिस महानिदेशक व एसपी को पद से हटाने, गिरफ्तार और निलंबित करने की मांग तेज थी और इससे पहले सरकार रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया का तबादला सरकार पहले ही कर चुकी है।
हरियाणा में पुलिस विभाग में अचानक बदलाव हुआ है। पंचकूला स्थित राज्य सरकार ने IPS अधिकारी O.P. Singh को कार्यवाहक Director General of Police (DGP) की जिम्मेदारी सौंपी है, जबकि वर्तमान DGP Shatrujeet Singh Kapoor को अवकाश पर भेज दिया गया है।
यह कदम उस समय आया है जब राज्यभर में प्रशासन की छवि और पुलिस नेतृत्व पर सवाल उठे हैं। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय अचानक लिया गया है। O.P. Singh को अतिरिक्त चार्ज के रूप में यह पद दिया गया है।

किसे भेजा गया अवकाश?
Shatrujeet Singh Kapoor, जो वर्तमान में हरियाणा के मुख्य पुलिस अधिकारी थे, उन्हें इस आदेश के तहत तत्काल प्रभाव से छुट्टी दी गई है। कारणों को लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है, लेकिन यह बदलाव राज्य के अंदर राजनीतिक और प्रशासनिक दबावों की झलक देता है।
O.P. Singh कौन हैं?
O.P. Singh एक अनुभवी IPS अधिकारी हैं। उनकी सेवा-काल और पदनामों की जानकारी सार्वजनिक स्रोतों में मिली है। (उदाहरण के लिए, O.P. Singh पूर्व में यूपी पुलिस और केंद्रीय बलों में DGP पद तक रह चुके हैं, उनकी नियुक्ति को पुलिस विभाग में तुरंत ठहराव देने और नेतृत्व में स्थिरता बनाए रखने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
यह बदलाव क्यों?
यह बदलाव नियंत्रण, नेतृत्व और जवाबदेही की समस्या के बीच आया है।
— कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और राजनीतिक आलोचनाएँ कह रही हैं कि पुलिस व्यवस्था, विशेष रूप से राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को दबाव हो रहा था।
— यह बदलाव राजनीति के संवेदनशील मोड़ पर हुआ है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस निर्णय से जनता और संबंधित समूहों के आशंकाओं को शांत करना चाहती है।
— O.P. Singh की नियुक्ति से यह संदेश भी जाता है कि सरकार ने पुलिस नेतृत्व में बदलाव को लेकर तैयारियाँ कर ली हैं
इसके प्रभाव और चुनौतियाँ
नेतृत्व मंज़िल: O.P. Singh पर दबाव होगा कि वह समय रहते मामलों को संभाले और विभागीय अखंडता बनाए रखें।
अधिकार और स्वायत्तता: कार्यवाही के दौरान उन्हें यह दिखाना होगा कि वे निष्पक्ष और स्वतंत्र हैं — बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के।
शिक्षा और नीति को क्रियान्वित करना: राज्य में बढ़ती अपराध दर या अन्य सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए साफ नीतियाँ जारी करना महत्वपूर्ण होगा।
विश्वास बहाली: जनता का पुलिस पर भरोसा दोबारा स्थिर करना, खासकर ऐसे समय पर जब नेतृत्व बदल रहा हो।
