नई दिल्ली – वस्तु एवं सेवा कर (GST) की नई दरें आज से पूरी तरह लागू हो गई हैं। “GST 2.0” नाम से जानी जाने वाली ये दरें जीवन, स्वास्थ्य, घरेलू जरूरतों और सेवाओं की कीमतों में बदलाव लाएंगी। आइए 10 मुख्य बिंदुओं में जानते हैं कि किन चीज़ों पर असर पड़ेगा और आम जनता को क्या लाभ होगा:
1. व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों पर छूट
अब व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों पर GST नहीं लगेगा। इससे बीमा लेने वालों की कुल लागत कम होगी।
2. स्वास्थ्य बीमा में राहत
पर्सनल स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी GST हटाया गया है। यानी प्रीमियम पेमेंट में टैक्स-भारी असर नहीं होगा, लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी।
3. दवाओं का नया टैक्स स्लैब
दवाओं को पूरी तरह टैक्स-मुक्त नहीं किया गया है, लेकिन अब वह 5% स्लैब में आएँगी। सरकार के अनुसार, इससे निर्माता इनपुट सामग्री और पैकेजिंग पर टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा बनाए रख सकेंगे।
4. डेयरी स्रोत वाले दूध पर पूरी छूट, लेकिन वनस्पति-आधारित दूध पर नहीं
उच्च तापमान प्रक्रिया (UHT) से तैयार डेयरी दूध अब 100% टैक्स-मुक्त होगा। लेकिन सोया दूध और अन्य प्लांट-बेस्ड दूधों पर नए नियमों के तहत 5% GST लगेगा।
5. फेस पाउडर और शैंपू जैसे सौंदर्य उत्पादों पर राहत
नई दरों से फेस पाउडर और शैंपू की कीमतें घटेंगी। कर ढाँचे को सरल बनाने के उद्देश्य से ये बदलाव किए गए हैं।
6. किराया और लीज पर GST का विस्तार
अगर आप बिना ऑपरेटर के किसी चीज़ को किराए या लीज पर ले रहे हैं (जैसे कार आदि), तो उस पर उसी GST दर का भुगतान करना होगा जितनी दर बिक्री पर होती है।
7. आयात (Import) पर नई दरें लागू
GST 2.0 के तहत नई दरें आयातित वस्तुओं व सेवाओं पर भी लागू होंगी (IGST)। सरकार ने कहा है कि जब तक कोई विशेष छूट अधिसूचित न हुई हो, नई दरें आयात पर भी लागु होंगी।
8. यात्री परिवहन में स्थिर दरें
सड़क मार्ग से यात्रियों को बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के 5% कर देना होगा। हवाई यात्रा में, इकॉनोमी क्लास टिकटों पर भी 5%, जबकि बिजनेस या प्रीमियम क्लास टिकटों पर 18% GST होगा।
9. स्थानीय डिलीवरी सेवाएँ (Local delivery)
अगर कोई स्थानीय डिलीवरी सेवा ई-कॉमर्स ऑपरेटर-के माध्यम से हो रही है और सेवा प्रदाता पंजीकृत नहीं है, तो GST देयता ई-कॉमर्स ऑपरेटर पर होगी। इससे व्यवस्था साफ़ होगी और टैक्स चोरी की गुंजाइश कम होगी।
10. जीवनशैली और रोजमर्रा की चीज़ों पर असर
नए GST स्लैब की वजह से कई रोज़मर्रा के उत्पाद और सेवाएँ सस्ती होंगी। विशेष रूप से सौंदर्य सामग्री, व्यक्तिगत देखभाल की चीज़ें, डेयरी उत्पाद आदि की कीमतों में कमी आएगी।
इससे आम जनता को क्या फायदे होंगे?
- दैनिक खर्चों में कमी: दूध-दवाएं-सौंदर्य सामग्री पर सेलर्स और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी।
- बीमा-पॉलिसियों का खर्च कम होगा।
- चोरी-छिपे टैक्स बोझ कम होगा क्योंकि नियम आसान होंगे।
- इंपोर्टेड सामानों पर भी साफ-सुथरी दरें होंगी, जिससे व्यापार-परिस्थिति में पारदर्शिता बढ़ेगी।
संभावित चुनौतियाँ / प्रभाव
- कुछ प्लांट-आधारित दूध उत्पादों के उपभोक्ताओं को अभी भी थोड़ा अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।
- व्यवसायों को परिवर्तन के अनुसार अपनी इन्वॉयसिंग, टैक्स रिटर्न आदि व्यवस्था अपडेट करनी पड़ेगी।
- ई-कॉमर्स और रेंट/लीजिंग कारोबार में नया अनुपालन कार्य (compliance burden) बढ़ सकता है।
GST 2.0 क्यों है खास?
सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव सिर्फ टैक्स संग्रह बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि जनता को सीधी राहत देने के लिए किया है। लंबे समय से यह मांग उठ रही थी कि बीमा, स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं पर टैक्स घटाया जाए, क्योंकि ये सीधे आम आदमी की जिंदगी से जुड़े हैं। GST 2.0 में इन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा परिवारों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
कुल मिलाकर, GST 2.0 से जनता को राहत, कारोबार को सरलता और सरकार को पारदर्शिता – तीनों फायदे एक साथ मिलेंगे। आने वाले महीनों में इसका असर आम आदमी की जेब और उद्योग जगत दोनों पर साफ दिखेगा।
