New Delhi : भारत में त्योहारों की परंपरा बहुत पुरानी और समृद्ध है। इन त्योहारों में नवरात्र का विशेष स्थान है। नवरात्र साल में दो बार आते हैं—चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र। यह पर्व मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व है। मान्यता है कि नवरात्र के दौरान पूरे भक्ति भाव से उपवास, पूजन और साधना करने से मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवरात्र में पूजा कैसे करें और व्रत में क्या खा सकते हैं।

नवरात्र का महत्व
नवरात्र का अर्थ होता है नौ रातें, जो शक्ति की देवी मां दुर्गा को समर्पित होती हैं। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है।
- पहला दिन – मां शैलपुत्री
- दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
- तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
- चौथा दिन – मां कूष्मांडा
- पांचवा दिन – मां स्कंदमाता
- छठा दिन – मां कात्यायनी
- सातवां दिन – मां कालरात्रि
- आठवां दिन – मां महागौरी
- नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री

नवरात्र में पूजा कैसे करें?
1. घर की साफ-सफाई
नवरात्र शुरू होने से पहले घर को अच्छी तरह साफ करना चाहिए। यह माना जाता है कि जहां स्वच्छता होती है, वहीं देवी-देवताओं का वास होता है।
2. कलश स्थापना (घट स्थापना)
- नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापित किया जाता है।
- पीले या लाल कपड़े पर थोड़ा चावल बिछाकर उस पर मिट्टी का कलश रखें।
- कलश में जल भरकर आम के पत्ते रखें और ऊपर नारियल रखकर उसे लाल वस्त्र से ढक दें।
- यह कलश समृद्धि और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
3. अखंड ज्योति जलाना
पूरे नौ दिन तक अखंड ज्योति जलाना शुभ माना जाता है। इसके लिए देसी घी या सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं।
4. दुर्गा सप्तशती का पाठ
भक्तों को रोज़ दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।
5. मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा
हर दिन मां दुर्गा के अलग स्वरूप की पूजा करें और उस दिन के अनुसार फूल, वस्त्र और प्रसाद अर्पित करें।
6. कन्या पूजन
अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करना विशेष शुभ माना जाता है। इसमें छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उन्हें भोजन, प्रसाद और उपहार दिए जाते हैं।
नवरात्र के व्रत का महत्व
नवरात्र में व्रत रखने का उद्देश्य केवल भूखे रहना नहीं है बल्कि आत्मा और शरीर को शुद्ध करना है। उपवास से मन एकाग्र होता है और भक्त मां दुर्गा के ध्यान में अधिक समय बिता पाता है।
नवरात्र व्रत में क्या खा सकते हैं?
- फल और दूध: केला, सेब, अनार, दूध, दही, नारियल पानी।
- व्रत के आटे: सिंघाड़ा आटा, कुट्टू आटा, राजगीरा आटा, साबूदाना।
- सब्जियां: आलू, कद्दू, शकरकंद, लौकी।
- सूखे मेवे: बादाम, काजू, मखाने, मूंगफली।
- नमक: केवल सेंधा नमक का प्रयोग।
व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
- गेहूं और साधारण चावल
- प्याज और लहसुन
- मांसाहार और शराब
- साधारण नमक
नवरात्र व्रत के स्वास्थ्य लाभ
- शरीर को डिटॉक्स करता है।
- पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
- मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।
- सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
नवरात्र व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- बहुत देर तक भूखे न रहें।
- पर्याप्त पानी पिएं।
- तली-भुनी चीजों से बचें।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।

FAQ – नवरात्र पूजा और व्रत से जुड़े प्रश्न
1. नवरात्र में पूजा कब शुरू करनी चाहिए?
नवरात्र की पूजा प्रातःकाल सूर्योदय के बाद करनी चाहिए। पहले दिन कलश स्थापना और अखंड ज्योति जलाना शुभ है।
2. नवरात्र व्रत में कौन-कौन से आटे खा सकते हैं?
सिंघाड़ा, कुट्टू, राजगीरा आटा और साबूदाना खा सकते हैं।
3. नवरात्र व्रत में नमक खा सकते हैं?
हाँ, लेकिन केवल सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए।
4. नवरात्र व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
प्याज, लहसुन, गेहूं, साधारण चावल, मांसाहार और शराब का सेवन वर्जित है।
5. नवरात्र व्रत हर कोई रख सकता है?
हाँ, लेकिन गर्भवती महिला, बीमार या बुजुर्ग डॉक्टर की सलाह से व्रत रखें।
6. नवरात्र में कन्या पूजन कब करना चाहिए?
अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ होता है।
7. व्रत में एनर्जी कैसे बनाए रखें?
फल, दूध, नारियल पानी और मखाने का सेवन करें।
नवरात्र केवल धार्मिक पर्व नहीं है बल्कि यह आध्यात्मिक शुद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का पर्व है। सही विधि से मां दुर्गा की पूजा और सात्विक आहार ग्रहण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
