भागलपुर (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए (NDA) खेमे में आत्मविश्वास साफ झलकने लगा है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य दिलीप जायसवाल ने कहा है कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए राज्य में फिर से सरकार बनाएगा।”
उन्होंने दावा किया कि जनता विकास चाहती है और विपक्ष की राजनीति अब भ्रम फैलाने तक सीमित रह गई है।
एनडीए में भरोसे का माहौल
भागलपुर में पत्रकारों से बातचीत में दिलीप जायसवाल ने कहा कि एनडीए में एकजुटता और नेतृत्व पर भरोसा कायम है।
उनके अनुसार —
“नीतीश कुमार ने बिहार को विकास की नई दिशा दी है। एनडीए के सभी घटक दल आपसी समन्वय से चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। जनता का विश्वास हमारे साथ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी बिहार को स्थिरता और प्रगति की गारंटी देती है।
महागठबंधन पर निशाना
जायसवाल ने महागठबंधन (RJD-Congress-Left) पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के पास न तो कोई ठोस एजेंडा है और न ही स्पष्ट नेतृत्व।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी केवल आरोप-प्रतारोप की राजनीति कर रही है, जबकि जनता को विकास और रोजगार चाहिए।
उनके अनुसार, “महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असंतोष है, जिससे उनकी एकता पर सवाल उठ रहे हैं।”
भागलपुर में पीएम मोदी की सभा की संभावना
दिलीप जायसवाल ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल्द ही भागलपुर दौरे की संभावना है।
उन्होंने कहा कि —
“प्रधानमंत्री के आगमन से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा और जनता को विकास कार्यों की जानकारी सीधे मिलेगी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोदी-नीतीश की जोड़ी बिहार को “बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और उद्योग” के क्षेत्र में आगे ले जाएगी।
बिहार चुनाव 2025: जनता का मूड किस ओर?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए अपनी “विकास बनाम भ्रम” की रणनीति पर काम कर रही है।
नीतीश कुमार की प्रशासनिक छवि, बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा और केंद्र से सहयोग — तीनों मिलकर चुनावी समीकरण को मजबूती दे रहे हैं।
वहीं, महागठबंधन को अभी भी सीट-वाटप, उम्मीदवार चयन और साझा नेतृत्व पर एकमत नहीं दिख रहा है।
बिहार चुनाव 2025 का मैदान अब गर्म होता जा रहा है। एनडीए जहां नीतीश कुमार की उपलब्धियों और मोदी सरकार के विकास कार्यों को जनता के बीच रख रही है, वहीं विपक्ष सरकार की नीतियों को निशाना बना रहा है।
हालांकि, दिलीप जायसवाल के बयान से यह साफ है कि एनडीए आत्मविश्वास से भरा हुआ है और उसे भरोसा है कि जनता एक बार फिर “विकास और स्थिरता” के नाम पर वोट देगी।
