छठ पूजा के पास आते हैं लोगों में भक्ति का उत्साह काफ़ी बढ़ गया है इसी के ध्यान में रहते हुए भागलपुर रेलवे स्टेशन सहित पूर्व रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर छठी मइया के गीत पूरे दिन बजाए जा रहे हैं। इससे वातावरण भक्तिमय हो गया है और श्रद्धालुओं में उत्साह बढ़ा है।

छठ पूजा, बिहार का एक प्रमुख और अत्यंत पवित्र पर्व, श्रद्धालुओं के लिए साल का सबसे महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मइया को समर्पित है। वर्ष 2025 में छठ पूजा के आयोजन के लिए भागलपुर में विशेष तैयारियाँ की गई हैं, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से इस महापर्व का आनंद ले सकें।
छठ पूजा 2025 की मुख्य तिथियाँ
छठ पूजा चार दिवसीय होती है, जिसमें नहाय-खाय, खरना और सूर्य अर्घ्य के दो चरण शामिल होते हैं। भागलपुर में इस वर्ष छठ पूजा निम्नलिखित तिथियों पर आयोजित की जाएगी:
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नहाय-खाय: 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
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खरना: 26 अक्टूबर 2025 (रविवार)
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अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य: 27 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य: 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
श्रद्धालु इन चार दिनों में व्रत रखते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। नहाय-खाय के दिन व्रती नदी या तालाब के किनारे स्नान कर शुद्ध होकर व्रत शुरू करते हैं।
छठ गीतों की धूम
भागलपुर रेलवे स्टेशन सहित शहर के विभिन्न इलाकों में छठी मइया के गीत पूरे दिन बजे जा रहे हैं। इन गीतों से वातावरण भक्तिमय बन जाता है और श्रद्धालुओं में उत्साह बढ़ता है। लोग पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर इन गीतों पर नृत्य और कीर्तन करते हैं।
छठ गीत केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह पर्व की भक्ति और संस्कृति को जीवित रखने का प्रतीक भी हैं।
यातायात और सुरक्षा व्यवस्थाएँ
छठ पूजा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पहुँचते हैं। इस वर्ष भागलपुर में प्रशासन ने विशेष ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंध किए हैं:
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विक्रमशिला पुल: भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
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पार्किंग और बैरियर: शहर में 6 स्थानों पर विशेष पार्किंग की व्यवस्था की गई है, और 10 महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरियर लगाए गए हैं।
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सुरक्षा: पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों ने घाटों पर तैनाती बढ़ा दी है ताकि व्रती सुरक्षित और सुचारू रूप से अर्घ्य कर सकें।
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपने साथ सफाई व सुरक्षा का ध्यान रखें।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
छठ पूजा सूर्य उपासना का पर्व है, जिसमें व्रती पूर्ण श्रद्धा और नियमों के साथ व्रत रखते हैं। इस पर्व का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक मेलजोल को भी बढ़ाता है।
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सूर्य देवता की उपासना: सूर्य देव को अर्घ्य देकर स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की कामना की जाती है।
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छठी मइया की भक्ति: मां छठी मइया की कृपा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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प्राकृतिक और पारंपरिक साधन: पारंपरिक व्रत और नदी/तालाब में अर्घ्य देने की प्रक्रिया प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की भी सीख देती है।
भागलपुर में छठ पूजा 2025 के लिए प्रशासन और स्थानीय समाज ने मिलकर व्यापक तैयारियाँ की हैं। छठ गीतों की मधुर गूँज, घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ और सुव्यवस्थित ट्रैफिक प्रबंधन इस महापर्व को और अधिक भक्तिमय और सुरक्षित बनाता है।
इस पर्व के माध्यम से न केवल आध्यात्मिक संतोष मिलता है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का संरक्षण भी होता है।
