नई दिल्ली: अमेरिकी गायिका और राजनीतिक टिप्पणीकार मैरी मिलबेन ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। राहुल गांधी ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर भारत को रूसी तेल खरीदने की अनुमति देने के फैसले पर मजबूर हुए थे।यह एक बेहद चर्चा का विषय बना था और अभी भी अगर देखा जाए तो यह चर्चा का ही विषय बना हुआ है ट्रम्प आए दिन अजीब दावे कर रहे हैं और अजीब धमकी भी दे रहे हैं उनके बयान को देख कर लगता है की शांति का नोबेल ना मिलने के कारण वह काफ़ी हतास हैं और इसकी झलक उनके बयान में साफ़ तौर पर देखी जा सकती है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मैरी मिलबेन ने ट्वीट किया, “राहुल गांधी जी, आप गलत हैं। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं डरते। वे दीर्घकालिक रणनीति को समझते हैं और अमेरिका के साथ कूटनीतिक संतुलन बनाते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी वही निर्णय लेंगे जो भारत के हित में होगा।
You are wrong, @RahulGandhi.
PM @narendramodi is not afraid of President Trump. PM Modi understands the long game and his diplomacy with the U.S. is strategic. Just as @POTUS will always put America’s interests first, so will PM Modi do what is best for India. And I applaud that.… https://t.co/4p0HNRCAv2— Mary Millben (@MaryMillben) October 17, 2025
साथ ही, मैरी मिलबेन ने राहुल गांधी की प्रधानमंत्री बनने की योग्यता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने सुझाव दिया कि राहुल गांधी के पास देश का नेतृत्व करने का अनुभव और क्षमता अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुई है।
भारत-अमेरिका कूटनीति और वैश्विक परिप्रेक्ष्य
राहुल गांधी का बयान: उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने ट्रंप के दबाव में आकर भारत को रूस से तेल खरीदने की अनुमति दी।वैश्विक तेल बाजार: रूस से तेल खरीदने के फैसले को लेकर वैश्विक स्तर पर विवाद हुआ, खासकर यूक्रेन संकट और अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते। भारत-अमेरिका संबंध: मोदी सरकार ने पिछले वर्षों में अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत की है, जिसमें रक्षा, व्यापार और ऊर्जा सहयोग शामिल है।
मैरी मिलबेन का दृष्टिकोण: उन्होंने मोदी के नेतृत्व और विदेश नीति की सराहना करते हुए राहुल गांधी की आलोचना की। विशेष रूप से ध्यान देने वाली बात यह है कि यह टिप्पणी भारत के राजनीतिक परिदृश्य में विदेशी हस्तियों की राय को लेकर बहस का नया मोड़ प्रस्तुत करती है।
