तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा में डांसर बुलाने का मामला: वायरल वीडियो से मचा बवाल
पटना (बिहार): तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा इन दिनों सुर्खियों में है। लेकिन इस यात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें रैली के दौरान भीड़ जुटाने के लिए भोजपुरी गायक और एक डांसर को बुलाया गया। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और विपक्षी दलों को आलोचना का मौका मिल गया है।

घटना क्या है?
तेजस्वी यादव ने हाल ही में बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत जहानाबाद से की।
यात्रा के दूसरे दिन पटना के पास बख्तियारपुर में आयोजित सभा में हजारों लोग पहुंचे।
सभा शुरू होने से पहले ही मंच पर भोजपुरी गायक प्रमोद प्रेमी यादव और एक महिला डांसर को बुलाया गया।
गायक ने अपने सुपरहिट गानों से भीड़ को झूमने पर मजबूर कर दिया, वहीं डांसर ने कार्यक्रम को और आकर्षक बना दिया।
क्यों हुई इतनी चर्चा?
1. राजनीतिक संदेश: रैली पूरी तरह से चुनावी माहौल को दर्शा रही थी। मंच, पोस्टर और प्रचार सामग्री में आरजेडी का हरा रंग प्रमुखता से दिखा।
2. भीड़ जुटाने की रणनीति: रैलियों में कलाकारों को बुलाना नया नहीं है, लेकिन जब इसे सिर्फ “भीड़ बढ़ाने” का तरीका कहा जाने लगे, तो आलोचना होना स्वाभाविक है।
3. सोशल मीडिया पर बवाल: वायरल वीडियो के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या राजनीति अब मनोरंजन का मंच बनती जा रही है?
राजनीतिक और सामाजिक असर
विश्लेषकों की राय: चुनावी रैलियों में जनता को जोड़ने का यह एक तरीका जरूर हो सकता है, लेकिन इससे असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।
समर्थक vs आलोचक:
समर्थकों का कहना है कि राजनीति में जनता को जोड़े रखना जरूरी है और यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि जुड़ाव का साधन है।
वहीं आलोचक इसे लोकतंत्र का मजाक बताते हैं और कहते हैं कि जनता को असली समस्याओं से भटकाया जा रहा है।
तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा का यह मामला दिखाता है कि चुनावी राजनीति सिर्फ भाषण और वादों तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब इसमें मनोरंजन और भीड़ प्रबंधन भी बड़ी भूमिका निभाने लगे हैं। सवाल यह है कि क्या जनता ऐसे आयोजनों से असली मुद्दों पर ध्यान दे पाएगी या राजनीति सिर्फ दिखावे तक ही सीमित रह जाएगी?
