Newsbabaji- झांसी की डांडिया नाइट कार्यक्रम के दौरान “पोस्टर वॉर” ने तूल पकड़ लिया, जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल से एक गैर-हिंदू युवक को पकड़ लिया। इस बीच, लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारों से माहौल गरमा दिया।इस घटना को लेकर सवाल उठ रहे हैं — धर्म के नाम पर जनता को कैसे विभाजित किया जा रहा है?(UP Poster War झांसी)
घटना कैसे शुरू हुई? How did the incident begin?
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झांसी के सिद्धेश्वर गार्डन में आयोजित डांडिया नाइट कार्यक्रम में एक डिस्प्ले बोर्ड पर “I Love Mahadev” लिखा गया था। इसे देख कुछ लोगों में असंतोष पैदा हुआ
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वहीं “पोस्टर वॉर” विवाद पहले से कई शहरों में देखा गया — जैसे कानपुर, वाराणसी और उन्नाव में “I Love Mohammad” वाले पोस्टर्स और उत्तर में Hindu संगठनों द्वारा “I Love Mahadev” का जवाब।
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कार्यक्रम में शामिल लोग डिस्प्ले देखते ही ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने लग गए।
बजरंग दल की तलाशी और युवक की पहचान (Bajrang Dal search and identification of the youth)
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बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य गरबा/डांडिया पंडालों में घूमते दिखे, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई गैर-हिंदू वहाँ न हो
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पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया युवक म्यूजिक सिस्टम ऑपरेटर था, और उसे कार्यक्रम पर बुलाया गया था। पुलिस अब उस व्यक्ति की खोज कर रही है जिसने उसे बुलाया।
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फिलहाल झांसी में स्थिति नियंत्रण में है, और पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि आगे कोई तनाव उत्पन्न न हो।
विवाद के राजनीतिक और सामाजिक आयाम (Political and social dimensions of the dispute)
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यह मुद्दा धार्मिक कट्टरता, अलगाववाद, और सामुदायिक राजनीति की ओर इशारा करता है।
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“पोस्टर वॉर” के माध्यम से यह संदेश जाता है कि कौन पंडालों में प्रवेश कर सकता है और कौन नहीं — यह विभाजन को बढ़ावा देता है।
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ऐसी घटनाएँ संविधान की धार्मिक स्वतंत्रता, न्याय और समानता की अवधारणा और सामाजिक समरसता के सिद्धांतों के लिए चुनौतियाँ पेश करती हैं।
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मीडिया और नागरिक समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस तरह की घटनाओं को निष्पक्ष दृष्टिकोण से देखें और सवाल उठाएँ कि क्या यह घटना केवल एक isolated घटना है या कुछ ज़्यादा पैटर्न का हिस्सा।
झांसी की यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि धार्मिक पहचान को लेकर संवेदनशीलता बढ़ती जा रही है। “पोस्टर वॉर”, पंडालों की तलाशी और ध्रुवीकरण की इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए ज़रूरत है—राजनीतिक नेतृत्व, प्रशासन और समाज सभी को मिलकर काम करने की।
