नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2025 (BabaJiNews Desk) — भारतीय बाजारों में सोना और चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। कुछ दिन पहले तक रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुंच चुके सोने-चांदी के रेट अब तेजी से नीचे फिसल रहे हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर ट्रेडिंग के दौरान दोनों धातुओं की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
रिकॉर्ड से भारी गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक, सोना अपने रिकॉर्ड हाई ₹1,31,600 प्रति 10 ग्राम के मुकाबले अब ₹1,18,460 प्रति 10 ग्राम पर आ चुका है — यानी लगभग ₹13,000 की गिरावट।
वहीं, चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर से टूटकर ₹1,41,400 प्रति किलो पर पहुंच गई हैं, जबकि कुछ दिन पहले इसका भाव ₹1,70,000 प्रति किलो के करीब था।
इस तरह दोनों कीमती धातुओं में यह साल की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक मानी जा रही है।
गिरावट के पीछे क्या कारण हैं?
विशेषज्ञों ने इस तेज़ गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण बताए हैं —
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती – अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में तेजी आने के कारण विदेशी निवेशक सोना बेचकर डॉलर में निवेश कर रहे हैं।
- फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति – अमेरिकी सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरों में बदलाव की संभावनाओं ने सोने की मांग को कमजोर किया है।
- मुनाफा वसूली (Profit Booking) – बीते कुछ महीनों में सोने-चांदी के दामों में भारी तेजी के बाद अब निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया है।
- भू-राजनीतिक तनाव में कमी – इज़राइल-ईरान और यूक्रेन-रूस जैसे मुद्दों पर तनाव में कमी आने से “सेफ हेवन” यानी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की चमक थोड़ी धुंधली हुई है।
- अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के सकारात्मक संकेत – वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता लौटने की उम्मीद से सोने की मांग में अस्थायी गिरावट आई है।
सोने-चांदी की मौजूदा दरें (29 अक्टूबर 2025)
| धातु | दर (MCX पर) | एक दिन में बदलाव | पिछले सप्ताह का रिकॉर्ड |
| सोना (Gold) | ₹1,18,461 / 10 ग्राम | -₹1,200 | ₹1,31,600 |
| चांदी (Silver) | ₹1,41,424 / किलो | -₹2,300 | ₹1,70,000 |
स्रोत: MCX (Multi Commodity Exchange of India)
विशेषज्ञों की राय
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक (short-term correction) है और दीर्घावधि में सोने-चांदी की मांग फिर से बढ़ सकती है।
एंजेल ब्रोकिंग के एनालिस्ट रवि सिंह के मुताबिक —
“सोने की मौजूदा गिरावट निवेश के लिए एक अच्छा अवसर साबित हो सकती है। आने वाले महीनों में अगर डॉलर कमजोर होता है, तो सोने के दाम फिर से 1.25 लाख तक पहुंच सकते हैं।”
वहीं, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट अंशुमन चौधरी का कहना है —
“यह गिरावट बाजार का नैचुरल बैलेंस है। निवेशक घबराएँ नहीं, बल्कि धीरे-धीरे खरीदारी के लिए इस समय को अवसर की तरह देखें।”
आम निवेशकों के लिए सलाह
सोने-चांदी में निवेश करने वालों के लिए विशेषज्ञों ने कुछ अहम सुझाव दिए हैं:
- लघु अवधि में सट्टेबाज़ी न करें, बाजार फिलहाल अस्थिर है।
- छोटे निवेशक SIP मोड में यानी नियमित अंतराल पर छोटी मात्रा में सोना खरीद सकते हैं।
- फिजिकल गोल्ड की बजाय गोल्ड ETF या डिजिटल गोल्ड में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित रहेगा।
- अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और डॉलर की स्थिति पर नजर रखें — यह सीधे तौर पर सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं।
🔍 वैश्विक बाजार की स्थिति
वैश्विक स्तर पर भी कीमती धातुओं की कीमतें नीचे आई हैं। कॉमेक्स (COMEX) में सोना $2,240 प्रति औंस और चांदी $28 प्रति औंस के स्तर पर ट्रेड कर रही है।
पिछले सप्ताह इन धातुओं ने क्रमशः $2,420 और $32 प्रति औंस का रिकॉर्ड छुआ था।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के अनुसार, अगर अमेरिकी डॉलर और अधिक मजबूत हुआ तो सोने की कीमतों में और गिरावट संभव है।
सोना और चांदी की मौजूदा गिरावट बाजार के “रिकॉर्ड हाई” से “वास्तविक संतुलन” की ओर लौटने का संकेत है।
हालांकि कीमतों में गिरावट से निवेशकों को झटका लगा है, लेकिन यह उन लोगों के लिए मौका भी है जो लंबे समय से “Buy on Dips” की रणनीति अपना रहे थे।
एक बात तो तय है — सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती, बस बाज़ार अपने संतुलन में लौट रहा है।
