New Delhi – दिवाली और धनतेरस का समय अक्सर सोने की खरीदारी के लिए उत्तम माना जाता है। 2025 में भी यह रिवाज जारी है। लेकिन सवाल यह है: “धनतेरस के बाद क्या अभी सोने में निवेश करना सही रहेगा?” और “सोने की कीमतों में आगे क्या रुझान होगा?” इस लेख में हम इन्हीं विषयों पर चर्चा करेंगे।
📈 सोने की हालिया कीमतें और रुझान
धनतेरस के मौके पर सोने की में वृद्धि देखने को मिली है। निवेशकों और आम जनता दोनों ने सोना खरीदने की ओर रुझान बढ़ाया। लेकिन खरीदारी का दबाव दीपावली के बाद भी जारी है, खासकर जब कीमतों में उतार-चढ़ाव की संभावनाएँ हों।
सोने की कीमतें वैश्विक स्तर पर डॉलर, मांग-पूर्ति और ब्याज दरों जैसे कारकों से प्रभावित होती हैं। भारत में घरेलू मांग, आयात शुल्क, विदेशी मुद्रा दर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

📌 क्या अभी निवेश करना समझदारी है?
फायदे:
-
हेजिंग विकल्प: आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति या बाजार के उतार-चढ़ाव के समय सोना एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है।
-
लिक्विडिटी: सोना जल्दी बिकता है और नकदी की स्थिति में मदद कर सकता है।
-
दीर्घकालिक मूल्य वृद्धि: समय के साथ सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का इतिहास रहा है।
चुनौतियाँ:
-
कीमत का उतार-चढ़ाव: कुछ समय बाद कीमतें गिरने का जोखिम रहता है।
-
मौक़ा लागत: यदि निवेश का रिटर्न अन्य निवेश विकल्पों (शेयर, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट) की तुलना में कम हो, तो निवेशकों को मौका लागत चुकानी पड़ सकती है।
-
आयात शुल्क और GST: भारत में सोना आयात निर्भर है और इसमें शुल्क होते हैं जो कीमत को प्रभावित कर सकते हैं।
🔍 क्या रुझान दिखाते हैं विशेषज्ञ?
निवेश विशेषज्ञों की राय मिलीजुली है। कुछ का मानना है कि सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं, खासकर यदि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ जारी रहीं। वहीं अन्य विशेषज्ञ यह चेतावनी देते हैं कि अब कीमतें बहुत ऊँची हो चुकी हैं और निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
कुछ सुझाव:
-
थोड़ी मात्रा में निवेश करें: अपनी पूंजी का एक हिस्सा ही सोने में लगाएँ।
-
सोने की विविध रूपों में निवेश करें: भौतिक सोना, गोल्ड ETF, डिजिटल गॉड (Digital Gold) आदि विकल्प देखें।
-
समय पर लाभ लें: यदि कीमतें अच्छी हो जाएँ, तो उचित समय पर बेचने की योजना रखें।
