नई दिल्ली। हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली का पर्व देश के जवानों के साथ मनाया। प्रधानमंत्री मोदी की यह परंपरा वर्ष 2014 से लगातार जारी है। सत्ता संभालने के बाद से उन्होंने हर बार सीमावर्ती इलाकों या सैन्य ठिकानों पर जाकर जवानों के साथ दीपावली मनाई है। इस परंपरा ने न केवल देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि भारत के प्रधानमंत्री के दिल में हमारे सुरक्षाबलों के लिए कितना गहरा सम्मान है।
2014: सियाचिन की ऊँचाइयों पर पहला दिवाली पर्व
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली दिवाली सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय जवानों के साथ मनाई थी। यह वह स्थान है जहाँ तापमान माइनस डिग्री में रहता है और परिस्थितियाँ बेहद कठिन होती हैं। पीएम मोदी ने वहाँ जवानों को संबोधित करते हुए कहा था — “आप लोग ही मेरी परिवार हैं, मैं दिवाली अपने परिवार के साथ ही मनाने आया हूँ।”
यह संदेश पूरे देश में गूँज उठा और लोगों ने पहली बार किसी प्रधानमंत्री को इतनी ऊँचाई पर सैनिकों के साथ दीपोत्सव मनाते देखा।
The warships which took part in today’s Steampast included INS Vikrant (the review platform), INS Vikramaditya (where I had been ten years ago for the Combined Commanders’ Conference), INS Surat (which was commissioned earlier this year in Mumbai), INS Mormugao, INS Chennai… pic.twitter.com/qKqwMn3vI7
— Narendra Modi (@narendramodi) October 20, 2025
2015 से 2019: सीमाओं और अग्रिम चौकियों तक पहुँच
आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों से मुलाकात की।
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2015 में वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर पहुँचे।
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2016 में हिमालयी क्षेत्र में तैनात आईटीबीपी जवानों के साथ रहे।
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2017 में जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई।
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2018 में उत्तराखंड के हर्षिल में उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और कहा — “आपकी बहादुरी ही हमारी सुरक्षा की दीवार है।”
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2019 में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों से मुलाकात की और उनके साहस की सराहना की।
From the Air Power Demo at INS Vikrant! pic.twitter.com/XvrFL9peOK
— Narendra Modi (@narendramodi) October 20, 2025
2020 से 2023: लद्दाख से कारगिल तक देशभक्ति का संदेश
कोविड महामारी के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी परंपरा नहीं तोड़ी।
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2020 में वे लद्दाख की सीमाओं पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने भारतीय सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों को संबोधित किया।
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2021 में प्रधानमंत्री ने जम्मू के नौशेरा सेक्टर में सैनिकों के साथ समय बिताया।
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2022 में उन्होंने केदारनाथ दर्शन के बाद दिवाली पर जवानों को संदेश दिया।
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2023 में कारगिल में सैनिकों के साथ दिवाली मनाते हुए कहा — “भारत की सीमाओं पर तैनात हर सैनिक के कारण ही देश सुरक्षित है।”
2024: कारवार में नौसेना के साथ दिवाली
इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे पहुँचे, जहाँ उन्होंने भारतीय नौसेना के जवानों के साथ दीपावली मनाई। उन्होंने जवानों से कहा कि “समुद्र की लहरों की तरह भारतीय नौसेना भी राष्ट्र की सुरक्षा में सदैव सक्रिय रहती है।” प्रधानमंत्री ने नौसेना कर्मियों की बहादुरी और समर्पण की सराहना करते हुए मिठाई बाँटी और उनके परिवारों को शुभकामनाएँ दीं।
एक भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह परंपरा केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह एक संदेश देती है — कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवान ही असली नायक हैं। दिवाली जैसे पारिवारिक त्योहार पर प्रधानमंत्री का सैनिकों के बीच समय बिताना, देश के हर नागरिक के हृदय को गर्व से भर देता है।
लेखक: Newsbabaji Team
स्रोत: जागरण न्यूज़ रिपोर्ट पर आधारित संकलन
तारीख: 20 अक्टूबर 2025
