पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया — जिसमें युवाओं, किसानों, महिलाओं और पिछड़ा-वर्ग के लिए बड़े वादे किए गए हैं।
घोषणापत्र के प्रमुख वादे
- 1 करोड़ सरकारी नौकरियों का वादा — युवाओं को रोजगार देने का बड़ा एजेंडा।
- कौशल एवं स्किलिंग पर जोर: प्रत्येक जिले में मेगा स्किल सेंटर स्थापित करना।
- महिलाओं के लिए योजनाएँ: महिलाओं को 2 लाख रुपये तक सहायता, “लखपति दीदी” बनाने का फार्मूला।
- किसानों के लिए विविध प्रावधान: किसान सम्मान निधि, कृषि-इन्फ्रास्ट्रक्चर में 1 लाख करोड़ रुपये निवेश का वादा।
- शहरी विकास व कनेक्टिविटी: 4 शहरों में मेट्रो सेवा, अमृत भारत एक्सप्रेस आदि के माध्यम से ट्रांसपोर्ट सुधार।
- पिछड़ा-वर्ग के सशक्तीकरण हेतु उच्च-स्तरीय समिति का गठन और आर्थिक सहायता योजनाएँ।

विश्लेषण: क्या है इसने संकेत?
- यह घोषणापत्र संकेत देता है कि एनडीए इस चुनाव में विकास-एजेंडा, रोजगार, महिला-सशक्तीकरण, किसान कल्याण और शहरी-परिवहन सुधार को मुख्य मुद्दे बना रही है।
- 1 करोड़ नौकरी जैसा वादा बहुत बड़ा है — इसे पूरा करना आसान नहीं होगा, इसलिए यह प्रचार रणनीति का हिस्सा है।
- योजनाओं का ब्रॉड-ब्रश आकार और बजट अनुमान अत्यधिक हैं — अमल-वहान में चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं।
- इस घोषणापत्र से एनडीए यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह सिर्फ सत्ता तक सीमित नहीं बल्कि बड़े बदलाव के एजेंडे के साथ भाग रही है।
चुनौतियाँ एवं प्रश्न
- इतने बड़े वादों को समय-सीमा, बजट स्रोत, कार्यान्वयन मॉडल किस तरह होंगे — यह अभी स्पष्ट नहीं है।
- पिछले वर्षों में रोजगार एवं कृषि क्षेत्र में लगातार चुनौतियाँ रहीं हैं — इसलिए जनता की अपेक्षाएँ बहुत ऊँची हैं।
- घोषणापत्र में शामिल योजनाओं का जमीन पर प्रभाव तभी दिखेगा जब स्थानीय स्तर पर प्रशासन, संसाधन और निगरानी तंत्र सक्रिय हों।
- विपक्ष द्वारा इन वादों को वास्तविकता-अधारित या प्रचारात्मक कहा जा सकता है — इसलिए संवाद और जनता अपनी समझ बना रही है।
एनडीए का यह घोषणापत्र बिहार चुनाव 2025 में उसकी रणनीति, संदेश और लक्ष्यों का स्पष्ट नक्शा प्रस्तुत करता है।
यदि कार्यान्वित हुआ तो यह राज्यों की राजनीति में बड़े बदलाव ला सकता है। लेकिन वादों को वास्तविकता में बदलना आसान नहीं होगा — यह अगले चरण में जनता-प्रतिक्रिया, भावनात्मक समर्थन और निष्पादन क्षमता पर निर्भर करेगा।
