पटना, 2 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म है। जैसे-जैसे पहले चरण के मतदान की तारीख नज़दीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और प्रचार अभियान तेज़ हो गए हैं। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के विभिन्न जिलों में जनसभाएं कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मोकामा कांड में बाहुबली नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है।
पीएम मोदी की रैलियों में उमड़ा जनसैलाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पटना और आसपास के जिलों में कई रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि “बिहार को पिछड़ेपन की राजनीति से बाहर निकालने का समय आ गया है।” पीएम ने कहा कि NDA सरकार बिहार को निवेश, विकास और शिक्षा के नए मॉडल की ओर ले जाएगी। उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी मौजूद रहे।
रैली स्थल पर भारी भीड़ देखने को मिली और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में खासतौर पर युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए नई योजनाओं की चर्चा की, जिनमें “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” और “आत्मनिर्भर युवा कार्यक्रम” शामिल हैं।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने मचाई हलचल
इस बीच, मोकामा कांड से जुड़े मामले में बाहुबली विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने चुनावी हवा को और गर्म कर दिया है। पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ दुलारचंद हत्याकांड में गैर-जमानती वारंट जारी था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद RJD नेताओं ने सरकार पर ‘राजनीतिक बदले’ की कार्रवाई का आरोप लगाया।
तेजस्वी यादव ने कहा, “NDA को पता है कि जनता महागठबंधन के साथ है, इसलिए डर के मारे विपक्ष के नेताओं को फँसाया जा रहा है।” वहीं BJP प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि “कानून अपना काम कर रहा है, चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं।”
राघोपुर सीट बनी सियासी हॉटस्पॉट
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र, जो तेजस्वी यादव का गढ़ माना जाता है, इस बार खास चर्चा में है। हाल ही में कांग्रेस से BJP में शामिल हुए राकेश रौशन को वहां से NDA प्रत्याशी बनाए जाने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह सीट पूरे बिहार चुनाव की दिशा तय कर सकती है।
राकेश रौशन ने कहा, “अब बिहार में जाति नहीं, विकास की राजनीति होगी।” जबकि तेजस्वी यादव ने पलटवार किया, “जो नेता कल तक महागठबंधन की नीतियों की तारीफ करते थे, आज सत्ता के लोभ में पाला बदल रहे हैं।”
महागठबंधन बनाम NDA: टकराव चरम पर
बिहार में इस बार मुकाबला NDA (भाजपा + जदयू + लोजपा) और महागठबंधन (राजद + कांग्रेस + वाम दल) के बीच कांटे का बन गया है। दोनों गठबंधनों ने प्रचार की पूरी ताकत झोंक दी है। सोशल मीडिया से लेकर गाँवों तक, हर जगह राजनीतिक संदेश फैलाए जा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि “बिहार में जाति की राजनीति नहीं चलेगी, काम और विकास ही पहचान बनेगा।” वहीं तेजस्वी यादव बेरोज़गारी और शिक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम युवाओं को नौकरी देंगे, किसानों का कर्ज़ माफ़ करेंगे और गरीबों के लिए नई योजनाएं लाएँगे।”
सुरक्षाबलों की तैनाती और हाई अलर्ट
चुनाव आयोग ने मतदान को शांतिपूर्ण बनाने के लिए पूरे राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की हैं। विशेष रूप से पटना, गया, नवादा और दरभंगा में हाई-अलर्ट घोषित किया गया है। संवेदनशील बूथों पर ड्रोन निगरानी भी की जाएगी।
पटना पुलिस ने बताया कि 200 से अधिक चेकपॉइंट बनाए गए हैं और हर रैली स्थल पर CCTV से निगरानी रखी जा रही है। सुरक्षा बलों को किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।
जनता की राय और माहौल
ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, जनता के बीच NDA और महागठबंधन दोनों को लेकर मिश्रित राय है। युवाओं में रोजगार और शिक्षा को लेकर उम्मीदें हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में सड़क, सिंचाई और बिजली जैसे मुद्दे सबसे प्रमुख हैं।
पटना के एक कॉलेज छात्र ने कहा, “हमें भाषण नहीं, नौकरी चाहिए।” वहीं एक किसान ने कहा, “जिसने हमारे खेतों तक बिजली पहुंचाई, उसी को वोट देंगे।”
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 एक बार फिर राज्य की राजनीति को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। जैसे-जैसे चुनावी तारीख़ें नज़दीक आ रही हैं, आरोप-प्रत्यारोप, रैलियों और जनसभाओं की गूंज बढ़ती जा रही है। अब देखना यह है कि जनता इस बार विकास के नाम पर वोट करेगी या पुराने समीकरण फिर दोहराए जाएँगे।
– रिपोर्ट: Babaji News Election Desk
