ईरान (Iran) और इज़राइल (Israel) के बीच ताकत की तुलना कई पहलुओं—सैन्य, तकनीकी, राजनीतिक और कूटनीतिक—में की जा सकती है। आइए मुख्य बिंदुओं के आधार पर तुलना करते हैं:
🔰 1. सैन्य ताकत (Military Strength)
पहलू | ईरान | इज़राइल |
---|---|---|
सैनिकों की संख्या | लगभग 5,75,000 सक्रिय सैनिक | लगभग 1,70,000 सक्रिय सैनिक |
रिज़र्व फोर्स | 3,50,000+ | 4,65,000+ |
वायु शक्ति | सीमित, पुराने विमानों पर निर्भर | अत्याधुनिक वायुसेना, F-35 जैसे लड़ाकू विमान |
नौसेना | सीमित, लेकिन स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़ पर नियंत्रण | छोटी लेकिन अत्यधिक तकनीकी क्षमता |
मिसाइल क्षमता | बैलिस्टिक मिसाइलें, लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम | डिफेंस सिस्टम्स (जैसे Iron Dome, Arrow), और अपनी मिसाइलें |
परमाणु हथियार | दावा करता है कि नहीं हैं, लेकिन संदिग्ध | माना जाता है कि इज़राइल के पास परमाणु हथियार हैं (गुप्त रूप से) |
🔬 2. तकनीकी श्रेष्ठता (Technological Superiority)
- इज़राइल: तकनीक, साइबर सुरक्षा, डिफेंस सिस्टम (Iron Dome), AI आधारित सैन्य प्रणाली में दुनिया के सबसे एडवांस देशों में से एक है।
- ईरान: सीमित तकनीक, लेकिन ड्रोन और मिसाइलों में काफी प्रगति की है। हालांकि, पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण तकनीकी बाधाएं बनी रहती हैं।
🌐 3. अंतरराष्ट्रीय समर्थन (International Support)
- इज़राइल: अमेरिका, यूरोपीय देश, और कुछ अरब देशों (जैसे UAE, बहरीन) का समर्थन प्राप्त है।
- ईरान: रूस और चीन से कुछ हद तक समर्थन, लेकिन पश्चिमी देशों से टकराव।
🏁 निष्कर्ष (Conclusion)
- सैन्य और तकनीकी रूप से, इज़राइल अधिक ताकतवर है।
- भौगोलिक और मानव संसाधनों में ईरान बड़ा देश है, लेकिन तकनीकी पिछड़ापन उसे सीमित करता है।
- दोनों देशों की रणनीति और उद्देश्य अलग हैं—इज़राइल “सटीक और स्मार्ट सैन्य कार्रवाई” में विश्वास करता है, जबकि ईरान “प्रॉक्सी वॉर” और क्षेत्रीय प्रभाव पर ध्यान देता है।