(babajinews) – बांग्लादेश की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को मानवता के विरुद्ध अपराधों (crimes against humanity) के दोषी ठहराते हुए फाँसी की सज़ा सुनाई है। फैसला International Crimes Tribunal Bangladesh (ICT) द्वारा लिया गया है।
अदालत ने Sheikh Hasina को भगोड़ा घोषित किया है और साथ में पूर्व गृह मंत्री Asaduzzaman Khan Kamal व पूर्व पुलिस महानिरीक्षक Chowdhury Abdullah Al को भी आरोपी बनाया है।
कोर्ट ने क्या कहा — 5 मुख्य बिंदु
1. कोर्ट ने पाया कि Sheikh Hasina की सरकार ने छात्र-प्रदर्शनों की मांगों को अनदेखा किया।
2. आरोप है कि उन्होंने छात्रों को ‘रज़ाकार’ कहकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ा।
3. हिंसा को नियंत्रण करने के लिए उन्होंने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।
4. उनकी पार्टी Awami League के छात्र-लीग व युवा-लीग ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमले किए।
5. 5 अगस्त की घटना पर, चंखारपुल में छह प्रदर्शनकारियों की हत्या हुई — इसे मानवता-विरुद्ध अपराध माना गया।
पृष्ठभूमि और प्रभाव
– संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच बांग्लादेश में हिंसा में लगभग 1,400 लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे।
– इस फैसले के बाद राजनीतिक माहौल में भारी उत्तेजना है — देश के अंदर तथा विदेश में भी चर्चा तेज हो गई है।
– इस तरह की सज़ा से बांग्लादेश की न्याय-प्रक्रिया, मानवाधिकार स्थिति, और राजनीतिक स्थिरता पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
यह फैसला न केवल Sheikh Hasina के राजनीतिक करियर के लिए बल्कि पूरे बांग्लादेश के राजनीतिक-न्याय तंत्र के लिए महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है। मानवीय अपराधों को लेकर उठाया गया यह कदम यह संकेत देता है कि बड़ी राजनीतिक हस्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई संभव है — हालांकि, इसके प्रभाव, कार्यान्वयन और न्यायिक निष्पादन की प्रक्रिया अभी आगे देखने योग्य है।
