बिहार चुनाव (babajinews) – बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने दावा किया है कि मोहिउद्दीननगर और सराय विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को डराया-धमकाया गया और दानापुर में वोट देने के लिए जाने वाली नावों को रोक दिया गया। आरजेडी ने इन घटनाओं पर चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
मामले की पृष्ठभूमि
आरजेडी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि मोहिउद्दीननगर और सराय में प्रशासन और स्थानीय पुलिस द्वारा मतदाताओं के घरों में जाकर दबाव बनाया गया। पार्टी का कहना है कि बूथ संख्या 106, 107 और 108 के आसपास मतदाताओं को धमकाया गया ताकि वे मतदान केंद्रों तक न पहुँच सकें।
वहीं, दानापुर क्षेत्र में आरजेडी ने कहा कि प्रशासन ने नावों को रोक दिया या उनकी संख्या घटा दी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोग मतदान स्थल तक नहीं पहुँच पाए।
लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान, आरजेडी ने बिहार के कुछ क्षेत्रों में मतदाता तंत्र में गड़बड़ी और डराने-धमकियों के आरोप लगाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया है कि मोहिउद्दीननगर एवं सराय विधानसभा क्षेत्रों में बूथ नं॰ 106, 107, 108 के आसपास पुलिस तथा प्रशासन द्वारा मतदाताओं के घरों में घुसकर उन्हें धमकाया गया। साथ ही दानापुर विधानसभा क्षेत्र में यह भी कहा गया है कि वोट देने जाने वाले मतदाताओं को नाव द्वारा ले जाए जाने वाले मार्ग पर बाधा डाली गई — नावों को रोका गया या उनकी संख्या कम कर दी गई, जिससे कई मतदाता अपने मतदान केंद्रों तक पहुँचने में असमर्थ बने।
RJD की माँग
आरजेडी ने Election Commission of India से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पार्टी ने कहा है कि अगर वोटिंग में निष्पक्षता नहीं बनी तो लोकतंत्र को बड़ी चोट पहुंच सकती है। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच, दोषियों पर कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक एवं कानूनी कदम उठाने की बात की है।
चुनावी प्रक्रियाओं पर प्रभाव
ये आरोप यह संकेत देते हैं कि चुनाव के दौरान सूचना-विरोधी माहौल, डर-दमन की स्थिति और भौगोलिक अवरोध (नाव मार्गों में रुकावट) जैसे कारक मतदान की सहजता और निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। यदि मतदाता अपने बूथ तक पहुँचने में असमर्थ हों, तो यह मतदान प्रतिशत और मत-प्रक्रिया की वैधता पर सवाल खड़े करता है।

