Haryana – पूरे देश में करवा चौथ का पर्व काफ़ी अच्छे से मनाया गया और इसका उत्साह भी देखने को मिला लेकिन कहते हैं की घटना बता कर नहीं होती जो होना होता है वो हो जाता है ऐसा ही कुछ हरियाणा के Rewari जिले में हुआ है आपको बता दें की यहाँ एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। खबर है कि करवा चौथ के दिन पति ने अपनी पत्नी को आग में जला दिया। इस हमले में उनकी कुछ संतानें भी घायल हो गईं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, घटना उस समय हुई जब पत्नी करवा चौथ की पूजा कर रही थी। उसी दौरान पति ने अचानक उन पर अंगारों पर मिट्टी तेल छिड़ककर आग लगा दी। पत्नी ने चीख-पुकार शुरू कर दी और आस-पड़ोस में हल्ला मच गया। बचने की कोशिश में बच्चों को भी चोटें आईं।
स्थानीय लोग और पड़ोसी तुरंत मौके पर पहुँचे और आग बुझाने की कोशिशों में जुट गए।Post घटनास्थल को देखा गया कि वह बदहवास और झुलसी हुई अवस्था में थी। आनन-फानन में उन्हें और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस ने मौका मुआयना शुरू कर दिया है। घटना की गंभीरता देखते हुए केस दर्ज किया गया है और आरोपी पति को गिरफ्तार करने की दिशा में कार्रवाई जारी है।इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा पर कैसे प्रभावी कदम उठाए जाएँ।
मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस के शुरुआती बयानों के अनुसार घटना करवा चौथ की आरती और पूजा के दौरान हुई। बताया जा रहा है कि पीड़िता पूजा कर रही थी, तभी पति ने उन पर मिट्टी तेल/ज्वलनशील द्रव छिड़क कर आग लगा दी। पड़ोसियों और घरवालों की तेज आवाज़ पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाई। तत्काल पीड़िता व उसके कुछ बच्चे को नज़दीकी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ उनका प्राथमिक उपचार चल रहा है।
पीड़िता और बच्चों की स्थिति
अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने बताया कि मरीज़ों की स्थिति गंभीर पर स्थिर बताई जा रही है; उन्हें जलने की चोटों के कारण बर्न यूनिट में रखा गया है और आवश्यक जांच व उपचार जारी हैं। चिकित्सकों ने यह कहा कि आग की किस्म और शरीर के प्रभावित हिस्से के आधार पर उपचार की अवधि लंबी और नाजुक हो सकती है। परिवार के सदस्यों ने भी मीडिया से बात करते हुए इस घटना के कारण गहरा शोक और आक्रोश जाहिर किया है।
पुलिस कार्रवाई और प्रारंभिक जांच
रेवाड़ी पुलिस ने घटना की सूचना मिलने के बाद मामले का अहम् प्राथमिकी दर्ज कर ली है और आरोपी पति की तलाश और गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया मामला घरेलू झगड़े व पारिवारिक कलह से जुड़ा प्रतीत होता है, पर विस्तृत जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा। थाना प्रभारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, पड़ोसियों के बयान और घटना-स्थल के साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक-कानूनी निहितार्थ
ऐसी घटनाएँ न केवल पीड़ित परिवार के लिए त्रासदी होती हैं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी हैं कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक संघर्ष का परिणाम कितना भीषण हो सकता है। भारत में घरेलू हिंसा के विरुद्ध कानून हैं — जैसे कि Protection of Women from Domestic Violence Act (PWDVA) और संबंधित IPC धाराएँ — जिनके तहत मामले दर्ज किए जाते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि समुदाय, पुलिस और स्थानीय प्रशासन को मिलकर घरेलू हिंसा के शिकार महिलाओं को सुरक्षा, कानूनी मदद और आवास देना चाहिए।
पंचायत, पड़ोस और समाज की भूमिका
स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा की है और प्रभावित परिवार के लिए तत्काल सहायता की पेशकश की है। पड़ोसियों का कहना है कि घरेलू कलह अक्सर अंदरूनी रहती है और बाहर नहीं आती — इसलिए जागरूकता, नज़दीकी सहायता-समूह और टॉक-थैरेपी जैसी सेवाएँ जरूरी हैं। कई स्थानों पर महिलाओं के लिए हेल्पलाइन और आश्रय-कक्ष उपलब्ध हैं — इन्हें और सशक्त करने की ज़रूरत है।
क्या कहती हैं अधिकारी रिपोर्टें
पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जांच निष्पक्ष रूप से पूरी की जाएगी। इसके साथ ही प्रशासन ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र और महिला सहायता केंद्रों से संपर्क बढ़ाने का निर्देश दिया है ताकि पीड़ित को तत्काल मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता मिल सके।
