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Election Commission of India (ECI) ने 12 राज्यों में वोटर लिस्ट अपडेट के लिए समय बढ़ाया — जानिए क्या है बदलाव

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New Delhi – भारतीय चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग (ECI) द्वारा चलाई जा रही Special Intensive Revision (SIR) की समय-सीमा को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सात दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय 30 नवम्बर 2025 को जारी किया गया।

SIR — क्या है और क्यों आवश्यक

SIR दरअसल एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची की पूरी पुनः-परख होती है — अर्थात, घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन, नए पात्र मतदाताओं का नामांकन, और मृत या अयोग्य वोटरों को हटाना।

इस 2025 के फेज में, लगभग 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है — जिनमें जैसे तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि शामिल हैं।

इस पहल का मकसद है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह सटीक, अद्यतन और विश्वसनीय हो — ताकि हर योग्य नागरिक को वोट देने का अधिकार मिले और फर्जी / डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हट जाएँ।

 क्यों बढ़ाई गई समय-सीमा?

पिछले महीने आयोग ने SIR की शुरुआत की थी और शुरुआत में समय-सीमा 4 दिसंबर 2025 तय हुई थी। लेकिन अब ECI ने यह अवधि बढ़ाकर 11 दिसंबर 2025 कर दी है। इसका मतलब है कि मतदाता इच्छुक नागरिकों के पास अपना विवरण अपडेट, नया नाम जोड़ने या नाम हटाने के लिए अतिरिक्त सात दिन मिल गए हैं।

साथ ही, ड्राफ्ट वोटर रोल की प्रकाशित तिथि अब 16 दिसंबर 2025 होगी।

इस विस्तार का कारण आयोग ने यह बताया है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर योग्य मतदाता इस प्रक्रिया में शामिल हो सके — विशेषकर उन इलाकों में जहाँ फॉर्म वितरण, घर-घर सत्यापन या नामांकन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई थी।

✅ SIR विस्तार से क्या फायदे होंगे

ध्यान देने योग्य बातें

हालाँकि यह कदम लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिहाज से सकारात्मक है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं:

ECI द्वारा SIR प्रक्रिया की समय-सीमा बढ़ाना एक विवेकपूर्ण और महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल मतदाता सूची को अपडेट और सटीक बनाएगा, बल्कि हर योग्य नागरिक तक मतदान का अधिकार पहुँचाएगा।

अगर आप 18 साल या उससे ज़्यादा उम्र के हैं — तो सुनिश्चित करें कि आपका नाम मतदाता सूची में है, या इसे अपडेट/पंजीकृत करवाएँ।
क्योंकि यही लोकतंत्र की नींव है — एक मत, एक आवाज, एक भारत।

 

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