नई दिल्ली – भारत की प्रमुख आईटी कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) में इस समय कर्मचारियों के बीच गंभीर असुरक्षा और तनाव का माहौल है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कंपनी ने कर्मचारियों को कहा है: “स्वयं इस्तीफा दो या हम तुम्हें टर्मिनेट कर देंगे।” इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि 30,000 से ज़्यादा नौकरियाँ कट सकती हैं।
🔍 क्या हो रहा है TCS में?
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पारंपरिक रिपोर्टों में पहले यह कहा गया था कि TCS लगभग 2% कर्मचारियों (लगभग 12,000) को बाहर करेगी।
- लेकिन कर्मचारियों और IT यूनियनों का दावा है कि यह संख्या कहीं ज़्यादा है — लगभग 30,000 से अधिक नौकरियाँ गंवाई जा सकती हैं।
- एक कर्मचारी, जो 13 वर्ष से कंपनी में थे, बताते हैं कि जब उनका प्रोजेक्ट खत्म हुआ, उन्हें नया काम नहीं मिला। HR और RMG ने आरोप लगाया कि वे “दूसरी कंपनी में काम कर रहे हैं” — आरोप जिसने उन्हें मजबूर किया कि वे इस्तीफा दें। जब उन्होंने इनकार किया, तो उन्हें तुरंत टर्मिनेट कर दिया गया।
- कंपनी ने उनसे ₹6–8 लाख की रिकवरी भी मांगी — कई ऐसे पैसे कंपनी ने उनसे वसूले।
- हालाँकि, जानकारी का दावा है कि ऐसा सिर्फ कुछ लोगों तक सीमित नहीं है — इस तरह के दावे कई स्थानों से सामने आ रहे हैं।
📋 ‘फ्लूइडिटी लिस्ट’ और नई नीतियाँ
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टीसीएस में एक “फ्लूइडिटी लिस्ट” होता है, जिसमें उन कर्मचारियों के नाम होते हैं जिन्हें संभावित रूप से बाहर किया जाना है। यह सूची कौशल या प्रदर्शन पर आधारित नहीं होती, बल्कि अन्य मानदंडों पर तय होती है।
- एक कर्मचारी ने बताया कि अगर आपका नाम इस सूची में आ गया, तो फिर चाहे आप कितनी भी मेहनत करें, आपको काम नहीं मिलेगा।
- जून 2025 में कंपनी ने नई नीति लागू की है — प्रत्येक कर्मचारी को वर्ष में कम से कम 225 दिन “बिलएबल” (प्रोजेक्ट पर सक्रिय) रहना अनिवार्य है। यदि कोई कर्मचारी 35 दिन से अधिक समय बेंच (प्रोजेक्ट से बाहर) पर रहेगा, तो उसकी नौकरी पर असर हो सकता है।
- पहले HR / RMG विभाग कर्मचारी को नए प्रोजेक्ट देने की जिम्मेदारी लेते थे; अब कर्मचारियों को खुद काम ढूंढना होगा।
🏛️ कर्मचारियों और यूनियनों की आवाज़
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कई कर्मचारी खुलकर नहीं बोल पा रहे — वे डरते हैं कि कंपनी के खिलाफ बोलने पर उनके लिए नई नौकरी मिलना मुश्किल हो जाएगा। कुछ कर्मचारियों के अनुसार, कंपनी क्लाइंट्स को कहती है कि कर्मचारी बीमार हैं या पारिवारिक समस्या है, जबकि हकीकत में उन्हें प्रोजेक्ट से हटा दिया जाता है।यूनियन संगठन जैसे FITE, UNITE, AIITEU ने कंपनी की इस प्रथा की निंदा की है। वे दावा करते हैं कि कई वरिष्ठ कर्मचारी, जो सेवानिवृत्ति के करीब थे, केवल मिनटों में बाहर कर दिए गए। इन यूनियनों का कहना है कि कुछ कर्मचारियों को “बेंच” पर भेजा गया, फिर उन्हें नए प्रोजेक्ट दिए गए, लेकिन HR / RMG ने उन्हें काम करने नहीं दिया।
🗣️ TCS की ओर से क्या कहा गया है?
टीसीएस ने अभी तक इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। कंपनी फिलहाल “साइलेंस पीरियड” (चुप्पी का दौर) में है, क्योंकि वह अपनी दूसरी तिमाही की आय (Quarterly Results) आने वाली है। इस रिपोर्ट के साथ संभव है कंपनी इस विवाद पर पहली बार खुलकर बोले।

