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बिहार में दसवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार — नए मंत्रिमंडल में कई बदलाव, भाजपा के कोटे से दो उपमुख्यमंत्री होंगे

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Patna (Bihar ) – बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रचंड जीत के बाद आज राजग के प्रमुख नेता नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। समारोह के दौरान उनका नेतृत्व द्वार राज्य में नई सरकार का गठन हुआ है।

उनकी नई टीम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उनकी पार्टी जनता दल (यू) (जेडीयू) के बीच पद बांटने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भाजपा कोटे से 14 मंत्री होंगी जबकि जेडीयू कोटे से मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सात मंत्री होंगे।

भाजपा के कोटे से इस बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं — सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा।

उम्मीद की जा रही है कि भाजपा कोटे से कई नए चेहरे मंत्री बनेंगे — इनमें रामकृपाल यादव, संजय सिंह ‘टाइगर’, श्रेयसी सिंह, रमा निषाद आदि शामिल हैं।

जेडीयू कोटे से भी कई नाम सामने आए हैं — जैसे विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, जमा खान, मदन सहनी।

कुछ अन्य पार्टियों को भी मंत्री-कोटा मिला है — उदाहरणस्वरूप हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) से संतोष कुमार सुमन तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) से दीपक प्रकाश (पर उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र) शपथ लेंगे।

शपथ ग्रहण समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने शामिल होने की पुष्टि की है — योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में उपस्थित होंगे।

यह नया गठन इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार में लगातार सत्ता परिवर्तन के बावजूद नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया है। एक तरफ यह उनकी राजनीतिक स्थिरता का प्रमाण है, वहीं दूसरी ओर गठबंधन राजनीति की जटिलताओं को भी दर्शाता है।

भाजपा-जेडीयू के बीच मंत्रिमंडल कोटे का बँटवारा इस बात का संकेत है कि भाजपा ने राज्य में अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है, लेकिन जेडीयू के भागीदारी के बिना सरकार संभव नहीं मानी जा रही। इस प्रकार, साझा नेतृत्व की तस्वीर उभर रही है।

इसके अलावा, नए एवं युवा चेहरे मंत्रीमंडल में शामिल किए जा रहे हैं — यह संकेत है कि गठबंधन ने डैमेज कंट्रोल के साथ-साथ नए राजनीतिक समीकरण बनाने की रणनीति चुनी है।

इसके बावजूद चुनौतियाँ पूर्व की तरह मौजूद हैं — राज्य की राजनीति में संतुलन बनाए रखने, सामाजिक-धार्मिक समीकरणों को बिगाड़ने से बचने तथा विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की पर पहली बार में अधिक है।

आज का शपथ ग्रहण समारोह इस बात का प्रतीक है कि बिहार में सत्ता का नया अध्याय खुल रहा है — दसवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार की अगुवाई में गठबंधन सरकार ने कम-से-कम प्रारंभिक रूप से अपनी टीम तैयार कर ली है। अब असली परीक्षा होगी कि इस सरकार ने जनता को क्या सशक्त परिणाम दे पाती है। राजनीतिक समीकरणों की इसकी पड़ताल आने वाले समय में होगी।

 

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