
Patna (Bihar) – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा सीट एक बार फिर सुर्खियों में रही। बाहुबल और राजनीतिक प्रभाव के लिए जानी जाने वाली इस सीट पर जनता ने एक बार फिर अनंत सिंह पर भरोसा जताया है। दिलचस्प बात यह है कि अनंत सिंह चुनाव के दौरान जेल में बंद हैं, फिर भी उन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल की।
मिली जानकारी के अनुसार, अनंत सिंह को कुल 91,406 वोट मिले, जबकि महागठबंधन की प्रत्याशी वीणा देवी को 63,210 वोट ही मिल सके। यानी करीब 28,206 वोटों के अंतर से अनंत सिंह विजयी रहे। यह अंतर स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मोकामा की जनता ने तमाम परिस्थितियों के बावजूद उन्हें अपना नेता चुना है।
बाहुबल से जनविश्वास तक की यात्रा
मोकामा की राजनीति हमेशा से मजबूत स्थानीय पकड़ और बाहुबल के प्रभाव से जुड़ी रही है। अनंत सिंह को इस क्षेत्र में वर्षों से जनता का समर्थन मिलता आया है। उनकी अनुपस्थिति के बावजूद, समर्थकों में जोश कम नहीं हुआ और चुनाव में इसका स्पष्ट असर दिखा।
वीणा देवी की चुनौती क्यों फीकी पड़ी?
महागठबंधन ने उम्मीद बांध रखी थी कि क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदलेंगे, लेकिन चुनाव परिणाम ने एक बार फिर साबित किया कि मोकामा की राजनीतिक धड़कन अब भी अनंत सिंह के इर्द-गिर्द ही घूमती है। जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और संगठन की मेहनत ने विपक्ष की रणनीति पर पानी फेर दिया।
परिणाम का व्यापक राजनीतिक प्रभाव
यह जीत केवल एक विधानसभा सीट का नतीजा नहीं मानी जा रही — कहा जा रहा है कि इसका असर पूरे पटना जिले की राजनीति पर पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस परिणाम ने यह संदेश दे दिया है कि स्थानीय प्रभाव और वफादार वोट-बैंक आज भी बड़े-बड़े गठबंधनों पर भारी पड़ सकते हैं।

