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लखीसराय विवाद: आरजेडी नेता ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर लगाया गुंडागर्दी का आरोप, बोले – ‘चैप्टर क्लोज़’

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बिहार (लखीसराय) – बिहार की राजनीति में फिर से एक बार बयानबाज़ी और टकराव की लहर उठी है। लखीसराय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और राजद नेता अजय कुमार सिंह (एमएलसी) के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें दोनों नेताओं के बीच बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता दिखाई देता है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, लखीसराय में एक स्थानीय कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पहुंचे थे। वहीं मंच पर मौजूद राजद एमएलसी अजय कुमार सिंह ने उन पर “गुंडागर्दी” करने का आरोप लगाते हुए कहा —

“विजय सिन्हा का चैप्टर अब क्लोज हो गया है, जनता सब जानती है।”

इस बयान के बाद वहां माहौल गरमा गया और दोनों नेताओं के समर्थक भी एक-दूसरे से भिड़ने की स्थिति में आ गए। बताया जा रहा है कि इसी बीच सिन्हा के काफिले पर पत्थर और चप्पल फेंके जाने की भी घटना सामने आई, जिससे सुरक्षा बलों को हस्तक्षेप करना पड़ा।

घटना की पृष्ठभूमि

विजय सिन्हा, जो वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, अपने सख्त बयानों और प्रशासनिक सख्ती के लिए जाने जाते हैं। वहीं अजय कुमार सिंह लंबे समय से राजद से जुड़े हुए हैं और लखीसराय क्षेत्र में उनका प्रभाव माना जाता है।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच यह विवाद नया नहीं है। स्थानीय स्तर पर दोनों पार्टियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई कई वर्षों से चली आ रही है। इस कार्यक्रम में जब दोनों नेता आमने-सामने आए, तो पुरानी रंजिश फिर से भड़क उठी।

नेताओं के बयान और प्रतिक्रिया

घटना के बाद मीडिया से बातचीत में अजय कुमार सिंह ने कहा,

“विजय सिन्हा का रवैया जनता और अधिकारियों दोनों के प्रति अहंकारपूर्ण है। वे जनता की आवाज़ दबाना चाहते हैं, लेकिन अब बिहार में यह नहीं चलेगा।”

वहीं, विजय सिन्हा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।

“जो लोग जनता का समर्थन खो चुके हैं, वे अब झूठे आरोप लगाकर सुर्खियाँ बटोरना चाहते हैं। मैं हमेशा जनता के साथ खड़ा हूँ।” — विजय सिन्हा

राजनीतिक विश्लेषण: चुनावी माहौल में बढ़ा तनाव

बिहार में जैसे-जैसे 2025 विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ होती जा रही है। लखीसराय की यह घटना भी उसी तनावपूर्ण माहौल का हिस्सा मानी जा रही है। विश्लेषकों का कहना है कि दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए स्थानीय मुद्दों को भावनात्मक रूप से पेश कर रहे हैं।

विजय सिन्हा की छवि बीजेपी में सख्त प्रशासक की रही है, वहीं राजद नेताओं की रणनीति यह दिखाने की है कि एनडीए सरकार “अहंकार” में जनता से दूर हो गई है।

 

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