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सुशासन दिवस (Good Governance Day) : अर्थ, महत्व और उद्देश्य

Good Governance Day

 

New Delhi – सुशासन (Good Governance) किसी भी लोकतांत्रिक देश की सबसे मजबूत नींव होता है। जब सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही, कानून के शासन और जनता के कल्याण को प्राथमिकता देती है, तब उसे सुशासन कहा जाता है। भारत में इसी सोच को मजबूत करने के उद्देश्य से हर वर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस (Good Governance Day) मनाया जाता है। यह दिन न केवल प्रशासनिक सुधारों की याद दिलाता है, बल्कि सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को भी मजबूत करता है।

Good Governance Day का मतलब क्या है?

Good Governance Day का अर्थ है—ऐसी शासन व्यवस्था को बढ़ावा देना जो पारदर्शी, जवाबदेह, प्रभावी और जन-केंद्रित हो। इसका सीधा संबंध आम नागरिक के जीवन से है, क्योंकि सुशासन का लक्ष्य होता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, भ्रष्टाचार कम हो और निर्णय प्रक्रिया में जनता की भागीदारी बढ़े।

सरल शब्दों में कहा जाए तो,
“सुशासन वह व्यवस्था है जिसमें सरकार जनता के लिए काम करे, जनता पर शासन न करे।”


सुशासन दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत में 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। अटल जी को एक दूरदर्शी नेता, कुशल प्रशासक और लोकतांत्रिक मूल्यों का सशक्त समर्थक माना जाता है। उनके शासनकाल में पारदर्शिता, सुचिता और प्रशासनिक सुधारों पर विशेष जोर दिया गया।

इसी कारण, वर्ष 2014 से भारत सरकार ने 25 दिसंबर को Good Governance Day के रूप में मनाने की घोषणा की, ताकि प्रशासन में सुधार और जनता के प्रति जवाबदेही की भावना को मजबूत किया जा सके।


सुशासन के प्रमुख सिद्धांत

सुशासन केवल एक विचार नहीं, बल्कि कुछ ठोस सिद्धांतों पर आधारित होता है—

  1. पारदर्शिता (Transparency) – सरकारी निर्णय और प्रक्रियाएँ जनता के लिए खुली हों।
  2. जवाबदेही (Accountability) – सरकार और अधिकारी अपने कार्यों के लिए उत्तरदायी हों।
  3. कानून का शासन (Rule of Law) – सभी नागरिकों के लिए समान कानून।
  4. जनभागीदारी (Participation) – नीति निर्माण में जनता की भागीदारी।
  5. प्रभावशीलता और दक्षता (Efficiency & Effectiveness) – संसाधनों का सही उपयोग।
  6. समावेशिता (Inclusiveness) – समाज के हर वर्ग का विकास।

सुशासन दिवस का उद्देश्य

सुशासन दिवस मनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं—

यह दिवस यह संदेश देता है कि अच्छा शासन केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नागरिकों की भागीदारी से ही संभव है।


भारत में सुशासन का महत्व

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में सुशासन का महत्व और भी बढ़ जाता है। जब योजनाएँ सही ढंग से लागू होती हैं, तो शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में वास्तविक बदलाव दिखाई देता है। आज डिजिटल इंडिया, जन धन योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) जैसी पहलें सुशासन के ही उदाहरण हैं, जिनसे पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार में कमी आई है।


सुशासन और नागरिकों की भूमिका

सुशासन केवल सरकारी नीतियों से ही नहीं आता, बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी भी उतनी ही आवश्यक है। जब लोग अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी समझते हैं, तो शासन व्यवस्था और अधिक मजबूत होती है। जागरूक नागरिक, सुशासन की सबसे बड़ी ताकत होते हैं।

अंततः कहा जा सकता है कि Good Governance Day केवल एक दिवस नहीं, बल्कि एक सोच है, जो देश को सही दिशा में आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाती है। सुशासन का अर्थ है—जनता का विश्वास, विकास की गति और लोकतंत्र की मजबूती। 25 दिसंबर का यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण अच्छे शासन और जिम्मेदार नागरिकों से ही संभव है।

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