नई दिल्ली — बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को शुक्रवार को दिल्ली की अदालत से बड़ा झटका लगा है। राउज एवेन्यू स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Rouse Avenue Court) की अदालत ने राबड़ी देवी की स्थानांतरण याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे मुकदमों को दूसरी अदालत में भेजने की मांग की थी।
राबड़ी देवी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में चल रहे कई मामलों, खासकर आईआरसीटीसी होटल घोटाला और अन्य आपराधिक मामलों को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग अदालत से की थी। उनका यह तर्क था कि जस्टिस गोगने की अदालत में सुनवाई से उन्हें निष्पक्ष न्याय नहीं मिल रहा है।
हालाँकि, सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने अदालत में जोरदार दलील दी कि यह याचिका न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने और न्यायाधीश की भूमिका पर संदेह पैदा करने के इरादे से दायर की गई है। सीबीआई ने यह भी कहा कि यह एक तरह का “फोरम शॉपिंग” (उचित न्यायालय चुनने का प्रयास) का मामला है, जिसमें कोई पक्ष अपनी सुविधा के लिए अदालत बदलने की कोशिश कर रहा है। अदालत ने सीबीआई की दलीलों को मानते हुए राबड़ी देवी की याचिका खारिज कर दी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत का यह निर्णय यह स्पष्ट करता है कि न्याय व्यवस्था में किसी भी प्रकार के प्रभाव या बाधा की कोशिश को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अदालत का मानना है कि अदालतें अपने अधिकार क्षेत्र के अनुसार ही मामलों की सुनवाई करेंगी और केवल सुविधा के लिए स्थानांतरण का निर्णय नहीं लिया जा सकता।
इस फैसले के बाद अब राबड़ी देवी को विशेष न्यायाधीश गोगने की अदालत में ही सुनवाई जारी रहेगी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज गंभीर आरोपों पर आगे की कार्यवाही जारी रहेगी।

