पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एलजेपी (राम विलास) की मजबूत वापसी के बीच, पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी सफलता का श्रेय जनता और अपने पिता राम विलास पासवान की संघर्षपूर्ण विरासत को दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पार्टी ने लगातार विरोधों और तमाम चुनौतियों के बाद यह मुकाम हासिल किया है और यह प्रदर्शन उनके लिए गर्व का विषय है।
चिराग ने कहा कि पार्टी की यह अब तक की दूसरी सर्वश्रेष्ठ कामयाबी है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2000 में पार्टी के गठन के बाद पहली बड़ी सफलता 2005 में मिली थी, जब बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़कर 29 विधायक जीते थे। हालांकि परिस्थितियों के कारण उस समय सरकार नहीं बन पाई।
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मजबूत वापसी की। मगर 2020 में विरोधियों ने पार्टी को खत्म घोषित कर दिया था।
“2022 तक कई लोगों ने मान लिया था कि LJP (RV) और चिराग पासवान खत्म हो चुके हैं। लेकिन मेरी रगों में मेरे पिता का खून दौड़ता है। न उन्होंने कभी हार मानी और न मैं हार मानता हूँ…,” चिराग ने जोर देते हुए कहा।
2024 में NDA कॉन्फिडेंस — 5 में 5 लोकसभा सीटों पर जीत
चिराग ने बताया कि एनडीए ने उन पर विश्वास दिखाते हुए एक सांसद वाली पार्टी को 5 लोकसभा सीटें दीं और पार्टी ने सभी सीटें जीतकर खुद को साबित किया।
“शून्य विधायक से 29 सीटों तक का सफर”
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एलजेपी (राम विलास) को 29 सीटों पर लड़ने का मौका मिला और पार्टी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। चिराग ने कहा कि यह शुरुआत है और आने वाले समय में पार्टी बिहार की राजनीति में और निर्णायक भूमिका निभाएगी।
चिराग का संकेत — गठबंधन में है मजबूती, आगे होगा और विस्तार
चुनावी नतीजों के बाद चिराग पासवान का यह संदेश साफ है कि वह न केवल अपनी पार्टी को मजबूत बनाना चाहते हैं, बल्कि बिहार में सत्ता की राजनीति में अपना दखल बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को जनता की ओर से जो स्नेह मिला है, वह आने वाले समय में बड़े राजनीतिक परिवर्तन का आधार बनेगा।


