पटना, सितंबर 2025 – बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमाती नज़र आ रही है। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सम्राट चौधरी का नाम 1995 में हुए लौना परसा नरसंहार मामले में सामने आया था और उन्होंने अदालत को ग़लत जानकारी देकर खुद को नाबालिग साबित किया था।
मामला क्या है?
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1995 में तारापुर थाना क्षेत्र के लौना परसा गांव में हुए नरसंहार में छह लोगों की हत्या हुई थी।
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इस केस (थाना केस संख्या 44/1995) में सम्राट चौधरी का नाम अभियुक्तों में शामिल था।
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उन्हें उस समय गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
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अदालत में उन्होंने दावा किया कि वे नाबालिग (लगभग 15 साल के) हैं और इसके लिए अपना मैट्रिक प्रवेश पत्र भी पेश किया।
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इसी आधार पर उन्हें राहत मिल गई और केस से छुटकारा भी।
अब विवाद क्यों उठा?
उदय सिंह ने अपने पत्र में यह दावा किया है कि सम्राट चौधरी ने वर्तमान हलफनामों में अपनी जन्मतिथि 1969 बताई है।
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इस हिसाब से 1995 में उनकी उम्र 26 साल थी, न कि 15 साल।
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यानी अदालत के सामने पेश किया गया दस्तावेज़ झूठा था।
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यदि ऐसा है, तो यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की नैतिकता पर भी सवाल उठाता है।
उदय सिंह की मांग
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सम्राट चौधरी को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।
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मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
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पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया जाए।
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सरकार और संवैधानिक संस्थाओं की साख बचाने के लिए इस तरह के मामलों में कड़ा कदम उठाया जाए।
राजनीतिक मायने
बिहार में पहले से ही सत्ता समीकरण और विपक्ष के बीच खींचतान चल रही है। ऐसे में यह आरोप राजनीतिक बहस को और तेज कर सकता है।
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर भी लगातार भाजपा और जेडीयू गठबंधन पर हमलावर रहते हैं। ऐसे में उदय सिंह का यह पत्र आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को और गर्म कर सकता है।

