Patna (Bihar ) – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बढ़त के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने संयम और समीक्षा का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल केवल रुझान ही सामने आए हैं, और अंतिम नतीजों के लिए चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार करना चाहिए।
थरूर ने इस अवसर पर यह भी कहा कि चुनावी हार-जीत एकाधिक कारकों पर निर्भर करती है — गठबंधन की रणनीति, सामाजिक गठजोड़, महिलाओं-युवाओं का मत, तथा सरकार-वित्तीय नीतियों का प्रभाव। उन्होंने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि महिलाओं को दिए गए प्रोत्साहनों ने इस चुनाव में NDA को बढ़त दिलाई हो सकती है।
अपने बयान में उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इस तरह की प्रणोदन-प्रवृत्तियाँ (कुछ समूहों को लाभ-प्रोत्साहन देना) पहले भी अन्य राज्यों में देखी गई हैं, और यह “स्वस्थ परंपरा” नहीं मानी जानी चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, थरूर का यह बयान कांग्रेस के लिए दो मोर्चों पर मायने रखता है — एक, वह विपक्ष को जल्द प्रतिक्रिया न देने व समीक्षा‐पर ध्यान देने का संकेत है; और दूसरा, यह दर्शाता है कि पार्टी अगले चुनावों के लिए रणनीति पर पुनर्विचार कर रही है।
नतीजों से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में अब सिर्फ वोट बैंक या परंपरागत गठबंधन ही निर्णय नहीं ले रहे हैं, बल्कि महिलाओं-युवाओं में बढ़ी भागीदारी, सामाजिक समावेशन, विकास-आशाएँ, और स्थानीय प्रदर्शन-साख जैसे नए मानदंड भी प्रभावी हो गए हैं। थरूर के बयान ने इस बदलते राजनीतिक माहौल को रेखांकित कर दिया है।
भविष्य में यह देखना होगा कि कांग्रेस इस समीक्षा के बाद कैसे अंदरूनी बदलाव लाती है, और क्या वह उन नई चुनौतियों के लिए तैयार है जो बिहार जैसे राज्यों में सामने आ रही हैं।

