आपको बता दें की बुधवार को राजस्थान के टोंक ज़िले में उपचुनाव की वोटिंग के समय निर्दलीय विधायक उम्मीदवार नरेश मीणा ने मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया जिसके बाद गुरुवार को नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया था, गिरफ्तारी के बाद देवली-उनियारा में हिंसा भड़क उठी और पुलिस ने हिंसा को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
बुधवार को राजस्थान के टोंक में देवली-उनियारा में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद फिर से हंगामा शुरू हुआ और गुरुवार को उनके समर्थकों ने पुलिस की गाड़ियों को रोकने के लिए चक्का-जाम किया जिसके बाद उन्होंने समरावता गांव की सड़क पर भी टायर में भी आग लगा दी। इसी बीच लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
जानिए क्यों भड़की क्यों हिंसा?
इस मामले में उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की और टोंक से सवाई माधोपुर जाने वाले नेशनल हाईवे-116 पर भी अलीगढ़ कस्बे के पास जाम लगा दिया। यह हिंसा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के बागी उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा सैकड़ों लोगों के सामने मतदान केंद्र के बाहर एसडीएम मालपुरा अमित चौधरी को थप्पड़ मारे जाने के बाद हुई है।
पूरे मामले की मुख्य बातें
- इस मामले पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम का कहना है की सरकार अपराध करने वालों के प्रति सख्त है। हम पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं और रिपोर्ट मांगी है। जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी कोई नहीं बख्शा जाएगा।
- पुलिस महानिरीक्षक (अजमेर) ओम प्रकाश का कहना है की नरेश मीणा के खिलाफ सार्वजनिक कार्य में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित चार मामले दर्ज हुए है।
- इस मामले पर RSS एसोसिएशन की महासचिव नीतू राजेश्वर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “जो कुछ हुआ वह असहनीय है। ऐसी घटना बर्दाश्त करने लायक नहीं है। एसडीएम अमित चौधरी को उस समय थप्पड़ मारा गया जब वह निष्पक्ष तरीके से चुनाव ड्यूटी कर रहे थे।”