(Pushpa Chauhan)- उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर, 2024 को मुंबई में निधन हो गया। उनका जीवन और कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उम्र संबंधी परेशानियों की वजह से उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रारंभिक जीवन:
- जन्म: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई, भारत में हुआ।
- परिवार: वे जेम्स टाटा और नवजोट मेहर टाटा के पोते हैं। उनके पिता का टाटा समूह से गहरा जुड़ाव था।
- शिक्षा: रतन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट ज़ेवियर्स स्कूल, मुंबई से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1962 में अमेरिका के कोर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की और फिर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री ली।
करियर:
- टाटा समूह में शामिल होना: 1962 में, रतन टाटा ने टाटा समूह में एक ट्रेनी के रूप में काम करना शुरू किया।
- विभिन्न पद: उन्होंने टाटा समूह की कई कंपनियों में विभिन्न पदों पर कार्य किया और धीरे-धीरे समूह के उच्चतम स्तर पर पहुँचे।
- अध्यक्ष: 1991 में, रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए, जैसे:
- टाटा मोटर्स: उन्होंने जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण किया।
- विस्तार: समूह ने वैश्विक स्तर पर कई कंपनियों में विस्तार किया।
- टाटा स्टील: टाटा स्टील का अधिग्रहण, जिससे कंपनी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
योगदान और पहचान:
- सामाजिक कार्य: रतन टाटा ने हमेशा सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई परियोजनाएं शुरू कीं।
- पुरस्कार और सम्मान: उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्मभूषण और पद्मविभूषण शामिल हैं।
व्यक्तिगत जीवन:
- रतन टाटा अविवाहित हैं और अपने कुत्तों के साथ रहते हैं। उन्हें यात्रा करना, नई तकनीक और इंजीनियरिंग में रुचि है। रतन टाटा भारतीय उद्योग की एक महत्वपूर्ण हस्ती हैं, जिन्होंने अपने योगदान से न केवल टाटा समूह को बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नया दिशा दिया। उनका नेतृत्व, दृष्टिकोण और सामाजिक उत्तरदायित्व उन्हें एक आदर्श उद्योगपति बनाते हैं।