Exit Poll एक प्रकार का सर्वे होता है जो चुनाव के दिन मतदाता मतदान केंद्र से बाहर निकलने के बाद किया जाता है। इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि चुनाव में मतदाता किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया है। यहाँ Exit Poll के बारे में कुछ प्रमुख बातें हैं:
Exit Poll कैसे होता है:
- सर्वेक्षण का आयोजन: चुनाव के दिन, विभिन्न सर्वेक्षण संस्थाएँ मतदान केंद्रों पर चुनावी रुझान जानने के लिए शोधकर्ताओं को नियुक्त करती हैं। ये शोधकर्ता मतदाताओं से बातचीत करते हैं।
- साक्षात्कार: जब मतदाता मतदान केंद्र से बाहर निकलते हैं, तो शोधकर्ता उनसे प्रश्न पूछते हैं, जैसे कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया और क्यों।
- डाटा संग्रहण: प्राप्त उत्तरों को संकलित किया जाता है। यह जानकारी विभिन्न मानकों के आधार पर (जैसे आयु, लिंग, जाति, आदि) वर्गीकृत की जाती है।
- विश्लेषण: एकत्रित डेटा का विश्लेषण किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि विभिन्न समूहों में मतदाता व्यवहार कैसा था और चुनाव परिणाम की संभावनाएँ क्या हो सकती हैं।
- रिपोर्टिंग: चुनाव के बाद, Exit Poll के परिणामों की घोषणा की जाती है, जो संभावित चुनाव परिणामों के बारे में पूर्वानुमान प्रदान करती है।
Exit Poll के लाभ:
- जल्दी परिणाम: यह चुनाव परिणामों से पहले संभावित विजेताओं का अनुमान लगाने में मदद करता है।
- मतदाता व्यवहार: यह समझने में मदद करता है कि मतदाता किस प्रकार के मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं।
Exit Poll के सीमाएँ:
- सटीकता: कभी-कभी Exit Poll के परिणाम असत्यापित होते हैं और वास्तविक चुनाव परिणाम से भिन्न हो सकते हैं।
- नमूना आकार: यदि सर्वेक्षण में शामिल मतदाता एक बड़े समूह का सही प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, तो परिणाम भ्रामक हो सकते हैं।
Exit Poll आमतौर पर चुनावी नतीजों के तुरंत बाद प्रकट किए जाते हैं, लेकिन इन पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि वास्तविक परिणाम हमेशा अलग हो सकते हैं।