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🌕 ब्लड मून 2025: चंद्रग्रहण की तारीख, समय, दृश्यता और महत्व

 

रक्तिम चंद्रमा: एक दुर्लभ खगोलीय तमाशा जो आज रात आपके आसमान को रंग दे सकता है

नई दिल्ली, 7 सितंबर 2025 — आज रात एक बेहद खास प्राकृतिक तमाशा घटित होने जा रहा है, जिसे आम भाषा में “ब्लड मून” (रक्तिम चंद्रमा) कहा जाता है। यह वास्तव में एक पूर्ण चंद्रग्रहण (total lunar eclipse) है — जब पृथ्वी, सूरज और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पूरी तरह पड़ जाती है। इस प्रक्रिया में चंद्रमा लाल या तांबे के रंग में ढल जाता है, जिससे वह बेहद मनोहारी नज़र आता है।

खगोलीय विज्ञान: चंद्रमा लाल क्यों दिखता है?

जब पृथ्वी चंद्रमा और सूरज के बीच आ जाती है, तो पृथ्वी की अंधकारमय परछाई (umbra) चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान सूर्य की रोशनी हमारे वायुमंडल से होकर गुज़रती है—नील रंग की किरणें बिखर जाती हैं, जबकि लाल और नारंगी किरणें चंद्रमा तक पहुँचती हैं। इससे चंद्रमा को गहरा लाल-भूरा या तांबे जैसा रंग प्राप्त होता है, और यही कारण है कि इसे “ब्लड मून” का नाम मिला।

इस चंद्रग्रहण की विशेषताएं

समय और दृश्यता (भारत के लिए मुख्य समय)

खगोलीय सुंदरता और वैज्ञानिक महत्व

पूर्ण चंद्रग्रहण—खासकर जो इतने चमकदार और लंबे हों—दर्शकों के लिए हमेशा सम्मोहक अनुभव होते हैं। इस समय विश्व के करोड़ों लोग आसमान को निहारेंगे जब खगोलीय छाया चंद्रमा पर गहराई को बढ़ाएगी।यह हमारी पृथ्वी—चंद्रमा—सूरज की अद्भुत यौगिक स्थिति का एक झलक है, जो वैज्ञानिकों और आम जनता दोनों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

निष्कर्ष में

ब्लड मून, अर्थात पूर्ण चंद्रग्रहण, न केवल खगोलीय दृष्टि से दिलचस्प होता है बल्कि हमारे प्राकृतिक चक्र और आकाशीय दृश्यों का एक अद्वितीय प्रमाण भी है। इस ग्रहण का लालिमा भरा रहस्य और उसकी लंबी अवधि इसे और भी खास बनाती है।
यदि आप आसमान निहारने वाले हैं—तो अपने घड़ी, तारों की साफता, और खुले स्थान को ध्यान में रखते हुए तैयार हो जाइए। इस अप्रतिम दृश्य को अपने दिल और आँखों में क़ैद करने का समय आ गया है!

 

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