तख्ता पलट, जिसे अंग्रेजी में “coup d’état” कहा जाता है, एक ऐसा राजनीतिक घटनाक्रम है जिसमें किसी सरकार को अचानक और आमतौर पर बलात्कारी तरीके से बदल दिया जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर सेना, राजनीतिक दल या अन्य शक्तिशाली समूहों द्वारा की जाती है। तख्ता पलट का मुख्य उद्देश्य सत्ता पर नियंत्रण हासिल करना होता है।
तख्ता पलट के उदाहरण:
- अफ्रीका:
- गिनी (1958): सेकेउ तौर से तख्ता पलट किया गया।
- नाइजीरिया (1966): पहला तख्ता पलट हुआ, जिसमें जनरल जॉनसन आफरिवा बिअर को सत्ता से हटा दिया गया।
- लातिन अमेरिका:
- चिली (1973): जनरल ऑगस्टो पिनोशे ने राष्ट्रपति सल्वाडोर ऑलेंदे को हटाया।
- अर्जेंटीना (1976): नागरिक सरकार को हटाकर सैन्य शासन स्थापित किया गया।
- एशिया:
- बांग्लादेश (1975): राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के साथ तख्ता पलट हुआ।
- थाईलैंड (2006 और 2014): कई बार सैन्य तख्ता पलट हुए हैं।
- मध्य पूर्व:
- मिस्र (2011): राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को आंदोलन के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी, हालांकि यह एक जन आंदोलन था, लेकिन इसे कई लोग तख्ता पलट मानते हैं।
तख्ता पलट की प्रक्रिया:
- योजना: एक समूह सत्ता पर नियंत्रण पाने के लिए योजनाएँ बनाता है।
- कार्यवाई: अचानक बल प्रयोग या राजनीतिक दबाव का उपयोग किया जाता है।
- प्रभाव: नए नेतृत्व का गठन किया जाता है, जो अक्सर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं करता।
- सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव: तख्ता पलट के परिणामस्वरूप देश में अस्थिरता, मानवाधिकारों का उल्लंघन और अन्याय हो सकता है।
तख्ता पलट की घटनाएँ अक्सर राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक असंतोष के परिणामस्वरूप होती हैं और इसके नकारात्मक प्रभाव दूरगामी हो सकते हैं।